RLD Loksabha Election2024

RLD Loksabha Election2024: RLD ने अपने उम्मीदवारों को उतारा लोकसभा चुनाव के मैदान में

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। RLD Loksabha Election2024: लोकसभा चुनाव बस कुछ ही दिन दूर हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियां (RLD Loksabha Election2024) अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट का ऐलान कर रही हैं। इसी सिलसिले में हाल ही में बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। दरअसल, आरएलडी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश में दो लोकसभा सीटें जीतीं। ये सीटें हैं बागपत और बिजनौर। पार्टी ने इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

बिजनौर से चंदन चौहान को टिकट

सोमवार को घोषित उम्मीदवारों की सूची में राष्ट्रीय लोक दल ने बागपत (RLD Loksabha Election2024) से राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान को टिकट दिया है। इसके अलावा पार्टी ने एक विधान परिषद सीट के लिए भी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है। गठबंधन में बीजेपी ने आरएलडी को एक विधान परिषद सीट भी दी है। उस पर रालोद ने योगेश चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसकी घोषणा पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर की।

सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

आरएलडी ने पोस्ट में लिखा, ‘राष्ट्रीय लोकदल का झंडा ऊंचा (RLD Loksabha Election2024) करके ये तीनों प्रतिनिधि आपके समर्थन और आशीर्वाद से सदन पहुंचेंगे और किसानों, कैमरों और विकास की बात करेंगे! बता दें कि चंदन चौहान फिलहाल मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से आरएलडी के विधायक हैं। चौहान गुर्जर समुदाय से आते हैं। उनके पिता संजय सिंह चौहान भी 2009 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर से सांसद चुने गये थे। उनके दादा नारायण सिंह चौहान वर्ष 1979 में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

जातीय समीकरण बनाने का प्रयास

दूसरे उम्मीदवार के रूप में, डॉ. राजकुमार सांगवान बड़े चौधरी युग (RLD Loksabha Election2024) के नेता हैं और पिछले चार दशकों से रालोद से जुड़े हुए हैं। चूंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और गुर्जरों की अच्छी-खासी संख्या है, इसलिए इन दोनों समुदायों से आरएलडी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारना जातीय समीकरण बनाने का प्रयास माना जा सकता है।

यह भी पढ़े: POLITICAL SLOGAN WAR: राजनीति में नारे कर देते हैं वारे-न्यारे, भाजपा और काँग्रेस के नारों का इतिहास