Rohan Gupta In BJP: गुजरात। भाजपा में शामिल होने वाले काँग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। काँग्रेस का एक और अहम व्यक्ति भाजपा का रुख कर चुका है। रोहन गुप्ता जो काँग्रेस के प्रवक्ता के पद पर रहे, उन्होने भी अब काँग्रेस से नाता तोड़ कर भाजपा को चुन लिया है। इसमें महत्वपूर्ण बात ये है कि काँग्रेस की तरफ से रोहन गुप्ता गुजरात में लोकसभा सीट के उम्मीदवार चुने गए थे।
काँग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार का भाजपा में शामिल होना…
यूं तो काँग्रेस का साथ छोड़ने वालों की फहरिश्त काफी लंबी है। मगर सिर्फ गुजरात की बात की जाए तो वहाँ काँग्रेस का एक बड़ा दल और कई बड़े नेता भाजपा के हिस्से में आ गए हैं। यही गिनती देश भर में और बढ़ जाती है। इस बार काँग्रेस को बड़ा नुकसान इसलिए भी है क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 सामने हैं और गुजरात जहां पहले से भाजपा कई सालों से राज कर रही है, वहीं पर मजबूत देख कर उम्मीदवारी रोहन गुप्ता को दी और उन्हीं ने काँग्रेस से मैदान छोड़ दिया। अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट से काँग्रेस की उम्मीदवारी से रोहन गुप्ता ने 18 मार्च को ही नाम वापिस ले लिया था।
इससे पहले गौरव वल्लभ ने बदला पासा
काँग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने भी जब पासा पलटा तो काँग्रेस अभी उस चोट से उभरी नहीं थी। गौरव वल्लभ के काँग्रेस छोड़ने से उतना बड़ा नुकसान नहीं था जितना काँग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने के फैसले से हुआ। वैसा ही अभी रोहन गुप्ता के मामले में भी हुआ। हालांकि गौरव गुप्ता ने मार्च में ही काँग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। परंतु अब भाजपा में आना काँग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है।
काँग्रेस में अपमान और चरित्र का सामना किया
रोहन गुप्ता ने काँग्रेस छोड़ने के कारण के तौर पर बताया कि काँग्रेस के संचार विभाग के एक बड़े नेता और अधिकारी ने उन्हें बार बार अपमानजनक शब्द कहे और उनके चरित्र पर सवाल उठाए। जिससे वो परेशान थे। सनातन पर लगातार प्रहार और वाम पंथी सोच को बढ़ावा देने की नीति ने रोहन गुप्ता को और ज्यादा मजबूर किया कि वो काँग्रेस छोड़ दे। सनातन धर्म पर प्रहार की बात ही गौरव वल्लभ ने उठाई थी। रोहन गुप्ता ने कहा कि वो व्यक्तिगत और सनातन पर हो रहे प्रहार को नहीं सह सके और उसी वजह से काँग्रेस को अलविदा कहा।