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Rohini Ghavari: कौन है रोहिणी घावरी? जिन्होंने UN में दी ऐसी स्पीच कि हो रही है पूरी दुनिया में चर्चा

Rohini Ghavari

Rohini Ghavari: संयुक्त राष्ट्र के मंच पर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाकर सुर्खियों में आने वाली भारत की बेटी रोहिणी घावरी (Rohini Ghavari) के बारे में आज कौन नहीं जानना चाहता। रोहिणी ने यूएन में पाकिस्तान की ओर से राम मंदिर पर आए निगेटिव कमेंट करने वालों को करारा जवाब दिया है और साथ ही पाकिस्तान को जबरदस्त तरीके से लताड़ भी लगाई है। रोहिणी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के मंच पर राम मंदिर और भारत से जुड़े कुछ विषयों पर अपनी स्पीच दी थी।

जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जहां एक ओर सोशल मीडिया यूजर्स उनकी तारीफ कर रहे है तो वहीं दूसरी तरफ कुद लोगों द्वारा उन्हे ट्रोल भी किया जा रहा है। जिसकी वजह से ट्विटर पर #ShameOnYouRohini ट्रेंड होने लगा। ऐसे में आइए जानते है कौन है रोहिणी घावरी और उन्होंने यूएन में क्या स्पीच दी?

कौन है रोहिणी घावरी?

रो​हिणी घावरी मूल रूप से भारत के मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की रहने वाली है। वह एक दलित समाज से आती हैं उनके पिता एक सीवेज वर्कर हैं। वहीं रोहिणी अभी स्विट्जरलैंड में पीएचडी स्कॉलर है। रोहिणी को पीएचडी के लिए एक करोड़ की स्कॉलरशिप मिली है। इसके साथ ही वह शिक्षाशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। रोहिणी सयुंक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि भी है।

जानिए रोहिणी घावरी ने अपने यूएन भाषण में क्या कहा?

रोहिणी ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि आज में इस बात पर प्रकाश डालना चाहती हूं कि कैसे राम मंदिर एक आस्था, विरासत और सद्भाव को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का दिन न केवल भारत के लोगों के लिए बल्कि दुनियाभर में बसे हिंदुओं के लिए भी एक ऐतिहासिक दिन था। रोहिणी ने आगे कहा कि भारत आध्यात्मिकता के क्षेत्र में हमेशा विश्वगुरु रहा है। अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी जैसे अलग अलग क्षेत्रों में नया मुकाम हासिल करने के साथ ही हम विकास और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन का सबसे अच्छा उदाहरण बन गए हैं। मैं गर्व के साथ कहना चाहती हूं कि मैं वाल्मिकी समुदाय से आती हूं और हमारे प्रभु वाल्मिकी ने महाकाव्य रामायण के माध्यम से पूरे विश्व को श्री राम का परिचय दिया है।

मैंने अपने पिछले भाषण में भारतीय संविधान की ताकत के बारे में बात की थी। अब भारतीय न्यायपालिका ने समुदायों के बीच कोई वैमनस्य पैदा किए बिना राम जन्म​भूमि पर एक दशक से चले आ रहे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग सामाधान निकाल कर अपनी ताकत साबित कर दी है। इस फैसले का सभी भारतीय समाज के सभी वर्ग के लोगों ने स्वीकार किया। उन्होंने आगे कहा कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा, अयोध्या राम मंदिर का बड़ा आर्थिक महत्व भी है। राम मंदिर आस्था, एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और रोजगार, पर्यावरणीय स्थिरता और राष्ट्र के विकास का सृजन करके आर्थिक विकास में योगदान देता है। इस प्रकार, अयोध्या राम मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं है; यह प्राचीन और आधुनिक दोनों मूल्यों वाले नए भारत का एक महान उदाहरण है।

ट्रोलर्स को रोहिणी ने लगाई फटकार

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को करारा जवाब देने और जय श्री राम का नारा लगाने और के बाद सोशल मीडिया पर रोहिणी की जमकर तारीफ की गई। तो वहीं कुछ लोग उन्हें काफी ट्रोल कर रहे है। इसी बीच ट्विटर पर #ShameOnYouRohini ट्रेंड करने लगा। यह इस वजह से हुआ क्योंकि रोहिणी पे अपने अकाउंट में खुद को अंबेडकरवादी बताया है।

उन्होंने लिखा है कि मैं भारत की बेटी हूं और बाबा साहब को अपना आदर्श मानती हूं। इसी बात को लेकर कई लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। जिसका उन्होंने करारा जवाब दिया। उन्होंने ट्रोलर्स को जवाब देते हुए लिखा कि मैं हमेशा आपसी भाईचारे एकता की बात करूंगी जितना ट्रोल करना है करते रहो। कहा जा रहा था कि जो लोग रोहिणी को ट्रोल कर रहे थे उन में से कुछ लोग पाकिस्तान के लिए अंधभक्त थे। इतना ही नहीं कई यूजर्स ने रोहिणी के सपोर्ट में भी आवाज उठाई है।

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