Kutch : मुंद्रा-गांधीधाम (Mundra Gandhidham) पुलिस के लिए जबरन वसूली का अड्डा बन गया है। मुंद्रा अडानी बंदरगाह और कच्छ के कांडला बंदरगाह पर आयातित कई सामानों में सालाना अरबों रुपये की शुल्क चोरी का रैकेट राज्य और केंद्रीय एजेंसियों की निगरानी में चल रहा है। केंद्रीय एजेंसी भी हर महीने पुलिस की तरह एक-दो मामले दर्ज करती है और मीडिया में जगह पाती है। बॉर्डर रेंज आईजी (Border Range IG) जो पिछले अप्रैल में मुंद्रा सुपारी बाजार में आए थे। आर. मोथालिया (J R Mothaliya IPS) ने पूरे अध्याय को अपने दायरे में रखने की व्यवस्था की। शुरुआत में हिंसा में शामिल 4 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और 6 महीने बाद 4 पुलिसकर्मियों सहित 6 के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
जिस बर्बरता की शिकायत पर पूरे प्रदेश में चर्चा छिड़ गई है, उसे संवेदनशील सूची में डालकर छिपाने की कोशिश क्यों की जा रही है। रैकेट में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले पंकिल मोहत्ता को मुंद्रा पुलिस स्टेशन में पेश होने के बाद दो बार गिरफ्तार किया गया और कुल 10 दिनों के लिए रिमांड पर लिया गया। जब 4 पुलिसकर्मी और स्व. आईपीएस ए. क. जाडेजा के चचेरे भाई शैलेन्द्रसिंह सोढ़ा उर्फ भानुभा को पुलिस ढूंढने का नाटक कर रही है।
क्या है पूरा मामला..
मूल रूप से मुंबई और गांधीधाम (Kutch) से 4 फॉक्स लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी साझेदारी में चलाने वाले अनिल तरुण को पुलिस ने पिछले अप्रैल में 3.75 करोड़ का चूना लगाया था। मामला यह है कि 13 अप्रैल 2023 को जब कस्टम क्लीयरेंस करने वाले अनिल पंडित मुंबई में थे, तब उनके एक परिचित पंकिल मोहता का फोन आया और उन्होंने कहा, ”पुलिस ने सुपारी से भरी आपकी गाड़ी पकड़ ली है और गोदाम सील कर दिया है.” पुलिस कार्रवाई-जांच से बचने के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग कर रही है। इस मामले में अनिल पंडित के दोस्त पंकज ठक्कर ने भी मध्यस्थता की। आख़िरकार मामला 3.75 करोड़ में तय करना तय हुआ।
पुलिस कर्मियों ने अनिल पंडित के गोदाम प्रबंधक आशीष पटेल और अजीतभाई को शाम से लेकर रात तक हिरासत में रखा। रुपये वसूलने का आश्वासन मिलने के बाद पुलिस ने दोनों मैनेजरों को जाने दिया। 14 अप्रैल को पंकिल के साथ लेनदेन से 1.28 करोड़ और सुनीलभाई के पिता पंकज से 1.5 लाख और 8.5 लाख नकद कुल 2.28 करोड़, 1 करोड़ का भुगतान 17 अप्रैल को अनिल पंडित के साथी दिनेश मास्टर द्वारा किया गया था। जबकि बाकी 47 लाख दिल्ली से जे. क. अंगड़िया (J K Angadia) में आरोप लगाया गया। कुछ दिन बाद जब अनिल पंडित ने तोड़फोड़ के लिए आवेदन किया तो पंकिल ने अनिल से कहा कि आपका मामला शैलेन्द्र सिंह सोढ़ा उर्फ ज्योतिभाई उर्फ भानुभा के माध्यम से निपट गया है। किरीट सिंह झाल को 85 लाख और एन को 1.47 करोड़. आर पंकिल ने अनिल पंडित को बताया कि यह रकम आंगडिया (NR Angadia) में ज्योति उर्फ भानुभा के खाते में जमा हुई है।
फिर अनिल पंडित, पंकज ठक्कर, दोस्त जिग्नेश प्रजापति, पंकिल मोहता और पंकिल के वकील रुचित व्यास के बीच होटल रेडिसन गांधीधाम (Kutch) में बैठक हुई। इस मुलाकात में पंकिल ने आवेदन वापस लेने, पैसे वापस करने को कहा। पैंकिले 4फॉक्स लॉजिस्टिक्स प्रा. लिमिटेड में आरटीजीएस से 65 लाख और 2.32 करोड़ रु. आर अंगड़िया से पी. इस कदर। आंगडिया (पी एम आंगडिया) में आरोप लगाया गया। अनिल पंडित के मुताबिक पंकिल मोहता से अभी 13 लाख रुपये वसूलने बाकी हैं। अनिल पंडित ने कहा है कि पंकिल के पिता सुनील मोहट्टा (Sunil Mohatta), जो वर्तमान में निवासी हैं, दुबई पुलिस और अन्य एजेंसियों (Kutch) में शिकायत दर्ज करा रहे हैं क्योंकि वह ऑडियो क्लिप को वायरल और लिखकर बदनाम कर रहे हैं।
आरोपी कौन है और क्या किया गया है?
बॉर्डर रेंज आईजी जे. आर शिकायत में मोथालिया (J R Mothaliya IPS) के दस्ते में कार्यरत किरीट सिंह झाला, भरत गढ़वी, रणवीर सिंह झाला, राजेंद्र सिंह झाला को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा बिचौलिए की मुख्य भूमिका निभाने वाले पंकिल मोहता और शैलेन्द्र सिंह सोढ़ा उर्फ जयोतिभाई उर्फ भानुभा को भी आरोपी बनाया गया है। शैलेन्द्रसिंह उर्फ भानुभाना के मामा पूर्व आईजी बॉर्डर रेंज स्व. एक क जाडेजा (A K Jadeja IPS) रहे हैं। मुंद्रा पुलिस स्टेशन में आईपीसी 365, 342, 389, 120 बी, 114 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 7, 8, 12, 13 और 13 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह सर्कुलर शिकायत डीसा डिविजनल पुलिस ऑफिसर (Deesa SDPO) कुशल ओझा (Dr Kushal Oza) के नाम पर दर्ज की गई है। इस मामले की जांच थराद विभागीय पुलिस अधिकारी (Tharad SDPO) एस. ने की थी. इस कदर संचालन एस एम वरोटारिया ने किया
भारी देरी के बाद शिकायतों के बाद उठ रही चर्चा
कच्छ से गांधीनगर तक 3.75 करोड़ रुपए की तोड़फोड़ की चर्चा चल रही है। 6 माह से 13 लाख की बकाया राशि को लेकर अचानक आई शिकायत चर्चा का विषय बन गई है। संतरी से लेकर मंत्री तक सभी जानते हैं कि इस कांड में किस आईपीएस अधिकारी की अहम भूमिका रही है। घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले पंकिल के पिता सुनील परषोत्तमभाई मोहता ने एफआईआर दर्ज करने का कारण वायरल ऑडियो क्लिप और लिखित दलीलों के कारण शिकायतकर्ता की कंपनी को बदनाम होना बताया है। चर्चा के मुताबिक, मामले को निपटाने के लिए आईपीएस अधिकारी ने कई हफ्तों तक मेहनत की और गांधीनगर का दौरा Kutch भी किया। कार्रवाई में आईपीएस अधिकारी पर सवाल उठे हैं। अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि इस मामले में शिकायत दर्ज कराने के लिए आईपीएस अधिकारी ने अनिल पंडित के कंधे का इस्तेमाल किया।
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