एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र को बताया Old Company, कहा-‘वक्त के साथ तालमेल बैठाने में नाकाम’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो पूरी तरह से बाजार के साथ कदम नहीं मिला रही है, लेकिन फिर भी उस स्थान पर कब्जा किए हुए है। एस जयशंकर ने ये बातें रविवार को आयोजित कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के दौरान कहीं। उन्होंने ‘भारत और विश्व’ पर एक संवाद सत्र में भाग लिया और बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत की भूमिका और चुनौतियों पर चर्चा की।
‘संयुक्त राष्ट्र कहां है?’
सम्मेलन के दौरान बातचीत में एस जयशंकर ने सवाल उठाते हुए कहा कि दुनिया में दो बहुत गंभीर संघर्ष चल रहे हैं, उन पर संयुक्त राष्ट्र कहां है? वह सिर्फ मूल रूप से एक दर्शक की तरह दिख रहा है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो पूरी तरह से बाजार के साथ नहीं चल रही है, लेकिन उस स्थान पर कब्जा किए हुए है। इसका कामकाज कितना भी कमतर हो, यह अभी भी एकमात्र बहुपक्षीय मंच है। हालांकि, जब यह प्रमुख मुद्दों पर कदम नहीं उठाता, तो देश अपने तरीकों से उनका समाधान खोजते हैं।”
‘कोविड पर संयुक्त राष्ट्र ने क्या किया?’
कोविड पर बोलेत हुए विदेश मंत्री ने कहा, “पिछले 5-10 वर्षों की बात करें तो शायद हमारे जीवन में सबसे बड़ा घटनाक्रम कोविड था। सोचिए, कोविड पर संयुक्त राष्ट्र ने क्या किया? मेरा मानना है कि इसका उत्तर ज्यादा कुछ नहीं है। आज दुनिया में दो संघर्ष चल रहे हैं। उन पर संयुक्त राष्ट्र कहां है? मूल रूप से एक दर्शक की भूमिका में? कोविड के दौरान भी देशों ने या तो अपने तरीके अपनाए या फिर COVAX जैसी पहल कुछ देशों के समूह द्वारा की गई।”
भारत एक उठती हुई लहर है
उन्होंने कहा, “हम एक ओर उठती हुई लहर हैं और दूसरी ओर थोड़े विरोधाभासी भी हैं, साथ ही स्थिरता लाने वाली शक्ति भी हैं।” विदेश मंत्री ने इस दौरान उन कदमों का जिक्र भी किया जो भारत ने अन्य देशों, विशेषकर श्रीलंका जैसे अपने पड़ोसियों की मदद के लिए उठाए हैं। अमेरिकी चुनावों के संभावित परिणामों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वास्तव में अमेरिका ने भू-राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से एक बदलाव किया है। नवंबर के परिणाम चाहे जो भी हों, इन प्रवृत्तियों में आने वाले दिनों में तेजी आएगी।
पाकिस्तान यात्रा पर क्या बोले?
वहीं जब सम्मेलन में उनसे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान की आगामी यात्रा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने फिर से पाकिस्तानी के साथ किसी भी द्विपक्षीय वार्ता को खारिज करने का इरादा व्यक्त किया। जयशंकर ने कहा, “मैं एक निश्चित काम और जिम्मेदारी के लिए जा रहा हूं। मैं अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेता हूं। मैं एससीओ की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहा हूं।”
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