कौन थे संत वेलेंटाइन? जानें लव डे की पूरी कहानी

Valentines Day 2025: कौन थे संत वेलेंटाइन? जिनके गांव में अब भी खाई जाती हैं प्यार की कसमें

Valentines Day 2025: हर साल 7 फरवरी को रोज डे के साथ प्यार का सप्ताह मनाने की शुरुआत हो जाती है, जिसे वेलेंटाइन वीक के नाम से जाना जाता है। इस क्रम में प्रपोज डे, चॉकलेट डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे और आखिर में वेलेंटाइन डे (Valentines Day 2025) मनाया जाता है। इस सभी में वेलेंटाइन डे को सबसे खास माना जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वेलेंटाइन डे असल में एक संत के बलिदान से जुड़ा है। बता दें कि फ्रांस में आज भी एक ऐसा गांव है जो प्रेम के गांव के रूप में मशहूर है। संत वैलेंटाइन के प्रेम फैलाने की कहानी भी इसी छोटे से गांव से शुरू हुई थी।

कौन थे संत वेलेंटाइन?

वेलेंटाइन डे मनाने के पीछे कई किंवदंतियां मिलती हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय संत वेलेंटाइन (Saint Valentine) की कहानी है, जिसके अनुसार वह तीसरी शताब्दी में एक रोमन पादरी थे। कागजों की मानें तो ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉरिजन नाम की किताब के मुताबिक संत वेलेंटाइन तीसरी शताब्दी में एक रोमन पादरी थे। प्रेम ही उनकी जिंदगी थी। ईसाई धर्म में 14 फरवरी को उनका संत दिवस मनाया जाता है। उत्तर मध्य युग से उनके संत दिवस को यूरोप में प्रेम की परंपरा से जोड़ा गया है।

फ्रांस के सेंटर वल डी लॉयर में है प्रेम का गांव

यह गांव फ्रांस के सेंटर वल डी लॉयर में स्थित है।इसे संत वैलेंटाइन विलेज के नाम से भी जाना जाता है। इस बेहद खूबसूरत प्राकृतिक नजारों वाले गांव में हर साल 12 से 14 फरवरी तक त्योहार सरीखा माहौल रहता है। सबसे बड़ी विशेषता तो यह है कि इस गांव में प्यार पेड़ों पर बसता है।रूठने और मनाने से लेकर प्रेम के इजहार तक की कहानी यहां के पेड़ ही बयां कहते हैं। ये पेड़ गांव के लवर्स गार्डन में लगे हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि अगर इन तीन दिनों में प्रेम का इजहार किया जाए तो कठोर से कठोर दिल भी पिछल जाता है।

जिंदगी भर साथ निभाने की खाई जाती हैं कसमें

यहां पर ट्री ऑफ इंटरनल हार्ट्स की कसम खाई जाती है कि अपने पार्टनर संग जिंदगीभर ईमानदारी से रिश्ता निभाएंगे। कुछ जोड़े तो इस पेड़ के पास ही शादी भी करते हैं। कई बार अपने रूठे पार्टनर को मनाने के लिए लोग यहां आते हैं। इस गांव की खूबसूरती का एक और राज है प्यार जताने का खास तरीका। यहां पर अपना प्रेम जताने के लिए पेड़ लगाया जाता है। यहां आने वाले पर्यटक भी इस परंपरा का हिस्सा बनते हैं। लव गार्डन के पास ही एक डाकघर है। यहां कोई भी अपना प्रेम पत्र पोस्ट कर सकता है, जो उसके पार्टनर तक पहुंचाया जाता है।

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कैसे शहादत दिवस बन गया प्रेम दिवस? जानें पूरी कहानी।

ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन नाम की एक किताब है, जिसमें बताया गया है कि रोम के सम्राट क्लॉडियस द्वितीय सैनिकों के प्रेम के खिलाफ थे। उनका मानना था कि सैनिक प्रेम करने लगेंगे तो उनका ध्यान भटक सकता है। वे अकेले रहेंगे तो बेहतर ढंग से जंग लड़ सकते हैं। इसीलिए सैनिकों के विवाह पर उन्होंने रोक लगा दी थी। इसका संत वैलेंटाइन ने विरोध किया। यही नहीं, चोरी-छिपे कई सैनिकों के विवाह भी कराए थे। इसका पता चलने पर उनको पकड़ कर जेल में डाल दिया गया था। बाद में 14 फरवरी 269 ईस्वी को उन्हें फांसी पर लटकाकर मौत की सजा दे दी गई। उनकी इसी शहादत की याद में दुनिया आज वैलेंटाइंस डे के रूप में मनाती है।