sambhal jama masjid vivad: संभल की जामा मस्जिद को लेकर पिछले कुछ दिनों में जिस तरह की घटनाएं घटी हैं, वह देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए विवाद और उसके बाद हुई हिंसा में कई लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग जख्मी हुए। यह मामला केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि सियासत, धार्मिक भावनाओं और प्रशासनिक मुद्दों से जुड़ता हुआ नजर आता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि पहले जब सर्वे हो चुका था, तो फिर दूसरी बार सर्वे की जरूरत क्यों पड़ी? इसके पीछे क्या वजहें थीं?
संभल के जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे के बाद जो हिंसा हुई, उसने पूरे देश में हलचल मचा दी। इस हिंसा में 4-5 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं भी सामने आईं, जिससे शहर में तनाव का माहौल बना। हालात इतने बिगड़े कि प्रशासन ने इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी और स्कूलों को बंद कर दिया। इसके अलावा, भारी पुलिस फोर्स को इलाके में तैनात किया गया और 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
सर्वे के दौरान क्या हुआ था?
संभल की जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे क्यों किया गया, इसे लेकर अब बड़ा खुलासा सामने आया है। ज़ी न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक खत मिला है, जिसमें कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि पहले सर्वे के दौरान मस्जिद के अंदर और बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी। लोग नारेबाजी कर रहे थे और उस वक्त कम रोशनी की वजह से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी में भी दिक्कतें आ रही थीं। इस वजह से सर्वे में पूरी जानकारी नहीं जुटाई जा सकी थी। मस्जिद की कमेटी ने भी यह तर्क दिया था कि नमाज के समय वहां भारी भीड़ हो जाती है, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
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सर्वे के दौरान पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के अधिकारियों ने भी मस्जिद कमेटी पर आरोप लगाए थे। ASI ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि मस्जिद की कमेटी उनके काम में लगातार अड़चन डालती रही है। ASI के अनुसार, जामा मस्जिद एक संरक्षित इमारत है, लेकिन मस्जिद कमेटी के विरोध के कारण इस पर मुआयना करना मुश्किल हो रहा था। इन सब कारणों से मस्जिद का पहले किया गया सर्वे अधूरा रह गया, जिसके चलते अब दूसरा सर्वे करवाना पड़ा।
दूसरे सर्वे के दौरान विवाद की स्थिति तब पैदा हुई जब कई लोग वहां प्रदर्शन करने के लिए जुट गए। हिंसा के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, और फिर पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं में कई लोगों की जान चली गई और पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस ने स्थिति को काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए और इलाके में कर्फ्यू लगा दिया। इसके बाद प्रशासन ने दोबारा सर्वे के बाद हालात को शांत करने के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी और स्कूलों को बंद कर दिया।
हिंदू पक्ष का दावा और कोर्ट का आदेश
संभल जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का यह दावा है कि इस स्थान पर पहले एक हिंदू मंदिर था, जिसे मुगलों के समय में तोड़कर जामा मस्जिद बनाई गई थी। हिंदू पक्ष इस मामले में अदालत का रुख कर चुका है और उसकी मांग है कि इस जगह का सर्वे किया जाए। हिंदू पक्ष का यह कहना है कि जामा मस्जिद के निर्माण से पहले यहां हरिहर मंदिर हुआ करता था। यही वजह है कि अदालत ने इस मामले में सर्वे का आदेश दिया था।
मस्जिद कमेटी ने इस सर्वे के आदेश को चुनौती दी थी और इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत को आदेश दिया था कि वह इस मामले में 8 जनवरी 2025 तक कोई फैसला न सुनाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट जाने के लिए भी कहा। यह मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में चल रहा है, और इसकी सुनवाई जारी है।
जामा मस्जिद की स्थिति और उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण यह मामला राजनीतिक और धार्मिक विवादों में उलझ चुका है। हिंदू पक्ष का आरोप है कि मस्जिद को बनाने से पहले यहां मंदिर था, जबकि मस्जिद कमेटी इसका विरोध करती है। इस विवाद का हल निकालने के लिए सर्वे कराया जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि क्या सच में पहले यहां एक मंदिर था या नहीं।
जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने हालात को नियंत्रण में करने के लिए कड़े कदम उठाए। इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई। स्कूलों को बंद कर दिया गया और बाजारों में भी सख्ती से बंदी लागू की गई। पुलिस ने 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और हालात को सुधारने के लिए लगातार निगरानी रखी। अब भी संभल में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, और प्रशासन स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।
बता दें संभल जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे करवाने को लेकर जो विवाद और हिंसा हुई, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि, इस विवाद के पीछे धार्मिक और ऐतिहासिक कारण हैं, लेकिन इस मामले का हल न्यायिक प्रक्रिया से ही निकाला जाएगा। इस बीच, प्रशासन ने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया है कि स्थिति नियंत्रण में रहे, लेकिन हिंसा और तनाव का माहौल अभी भी बना हुआ है।