Same Gender Marriage : इन 32 देशों में लीगल है समलैंगिक शादी, 22 साल पहले बना था इस देश में कानून…
Same Gender Marriage : आज के दिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए समलैंगिक विवाह को कानूनी बाध्यता देने से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट्ट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा के पैनल ने ये फैसला सुनाया है। बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने 18 अप्रैल को याचिका दायर की थी। इसके बाद 10 दिनों तक सुनवाई करने के बाद 11 मई को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
प्यार-प्यार होता है…….
यूनाइटेड स्टेट्स के प्रेसीडेंट जो बाइडेन ने इस विधेयक के पारित होने पर अपनी खुशी जताते हुए कहा था कि प्यार-प्यार होता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद ये सुनिश्चित होगा कि LGBTQ के युवा अब इस विश्वास के साथ बड़े हो सकेंगे कि अब वह भी शादी कर सकेंगे और अपना परिवार बना सकेंगे।
क्या है समलैंगिक विवाह या सेम जेंडर मैरिज ?
समलैंगिक विवाह उसे कहते है जिसमें दो समान जेंडर ( Same Gender Marriage) वाले एक दूसरे से शादी कर सकते है। चाहे फिर वो महिलाएं हो या फिर पुरुष। बता दें कि भारत में अभी भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है। वहीं दुनिया में 32 देश ऐसे भी है जहां समलैंगिक विवाह यानी की सेम जेंडर मैरिज को कानूनी मान्यता प्राप्त मिल चुकी है।
अमेरिका भी हुआ शामिल
विश्वभर के कई देशों में समलैंगिक विवाह ( Same Gender Marriage) को कानूनी मान्यता प्राप्त है। इन देशों में अब अमेरिका का भी नाम जुड़ गया है। अमेरिका की संसद द्वारा सेम जेंडर मैरिज बिल को पास करने के साथ ही उन हजारों समलैंगिक जोड़ों को बहुत बड़ी राहत मिली है, जिन्होंने उच्चतम न्यायालय के 2015 के फैसले के बाद शादी की थी। इस फैसले के तहत देशभर में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दी गई। इसी के साथ अब दुनिया में कम से कम 32 देशों में समलैंगिक विवाह की अनुमति है।
सबसे पहले नीदरलैंड में मिली थी अनुमति
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाला देश नीदरलैंड था। नीदरलैंड ने 1 अप्रैल 2000 में समलैंगिक विवाह को मान्यता दे दी थी। बाद में अधिकतर यूरोपीय और दक्षिण अमेरिकी देश कुल मिलाकर 32 देशों ने सेम सेक्स मैरिज को लीगल कर दिया था।
ये देश है शामिल
- अर्जेंटीना (2010 से)
- ऑस्ट्रेलिया (2017 से)
- ऑस्ट्रिया (2019 से)
- बेल्जियम (2003 से)
- ब्राजील (2013 से)
- कनाडा (2005 से)
- चिली (2022 से)
- कोलंबिया (2016 से)
- कोस्टा रिका (2020 से)
- डेनमार्क (2012 से)
- इक्वाडोर (2019 से)
- फिनलैंड (2010 से)
- फ्रांस (2013 से)
- जर्मनी (2017 से)
- आइसलैंड (2010 से)
- आयरलैंड (2015 से)
- लक्समबर्ग (2015 से)
- माल्टा (2017 से)
- मेक्सिको (2010 से)
- नीदरलैंड्स (2001 से)
- न्यूज़ीलैंड (2013 से)
- नॉर्वे (2009 से)
- पुर्तगाल (2010 से)
- स्लोवेनिया (2022 से)
- दक्षिण अफ्रीका (2006 से)
- स्पेन (2005 से)
- स्वीडन (2009 से)
- स्विट्ज़रलैंड (2022 से)
- ताइवान (2019 से)
- यूनाइटेड किंगडम (2020 से)
- संयुक्त राज्य अमेरिका (2015 से)
- उरुग्वे (2013 से)
LGBTQ क्या है?
समलैंगिकों को आम बोलचाल की भाषा में एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) यानी लेस्बियन (LESBIAN ), गे(GAY), बाईसेक्सुअल (BISEXUAL) ट्रांसजेंडर (TRANSGENDER) और क्वियर कहते हैं। इसलिए इसे LGBTQ भी कहा जाता है।
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