प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज धर्म संसद का आयोजन हुआ, जिसे भागवत कथा वाचक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने आयोजित किया। इस धर्म संसद में सनातन बोर्ड बनाने का प्रस्ताव रखा गया। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की योजना है।
धर्म संसद का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म और हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना है। हालांकि, इस प्रस्ताव पर कई बड़े अखाड़ों ने अपनी असहमति जताई है।
श्री श्री रविशंकर ने धर्म संसद का किया समर्थन
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव और श्री श्री रविशंकर ने इस धर्म संसद का समर्थन किया है। इस आयोजन में देशभर के कई जाने-माने संत और धर्मगुरु शामिल हो रहे हैं। इनमें जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज, महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, दिदी मां ऋतम्भरा जी समेत अन्य प्रमुख संत शामिल हैं।
धर्म संसद को मिल रहा आध्यात्मिक गुरुओं का समर्थन
#WATCH | Dharma Sansad, led by Devkinandan Thakurji Maharaj, will convene at the #MahaKumbh2025 in Prayagraj, UP today.
He says, “This Sanatana Dharma Sansad is for the safeguarding of Sanatanis. If a Board can bring all our puja, tradition, culture, Gaumata together and protect… pic.twitter.com/mppvel1daJ
— ANI (@ANI) January 27, 2025
सद्गुरु ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा कि सनातन धर्म को सिर्फ संरक्षित करना ही नहीं, बल्कि इसे बढ़ावा देना और पूरी दुनिया के लिए प्रासंगिक बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म ही मानवता के कल्याण का एकमात्र सार्वभौमिक रास्ता है।” साथ ही उन्होंने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की बात पर जोर दिया और कहा कि यह जिम्मेदारी हिंदुओं के हाथ में होनी चाहिए। श्री श्री रविशंकर ने भी धर्म संसद के प्रयासों की सराहना की और इसे सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ से किया अनुरोध
प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि हम सबकी इच्छा है कि सनातन धर्म के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाए। इस बोर्ड में धर्माचार्य मिलकर सनातन धर्म और मंदिरों की सुरक्षा पर विचार करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मांग पर ध्यान देने की अपील की।