राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। SANDESHKHALI CBI UPDATE: संदेशखाली में चल रहे पूरे घटनाक्रम में मंगलवार को हाई कोर्ट (SANDESHKHALI CASE CBI) के आदेश पर पूरे मामले में मुख्य आरोपी शाहजहाँ शेख की कस्टडी सीबीआई को सौंपनी थी। इसी आदेश के तहत सीबीआई के अधिकारी बंगाल पुलिस मुख्यालय जाकर भी बैरंग लौट आए। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाएगा। जबकि हाई कोर्ट ने कस्टडी सौंपने और मामले को सीबीआई को हैंडओवर करने का समय शाम को 4:30 बजे का दिया था। इस पूरे मामले में राजनीति के भी कई रंग देखने को मिल रहे हैं। परंतु कोर्ट में सुनवाई बुधवार सुबह होने की संभावनाएं जताई जा रही है।
#WATCH कोलकाता, पश्चिम बंगाल: कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर TMC नेता शाहजहां शेख को CBI हिरासत में लेने के लिए CBI के तीन सदस्य पुलिस बल के साथ भवानी भवन पुलिस मुख्यालय पहुंचे। pic.twitter.com/tLaMDA61Y4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2024
बंगाल पुलिस पर हाई कोर्ट के आदेश उल्लंघन का आरोप
संदेशखाली मामले में जब केन्द्रीय जांच एजेंसी को हाई कोर्ट (SANDESHKHALI CASE CBI) का आदेश होने पर भी बंगाल पुलिस मुख्यालय से भी खाली हाथ वापिस लौटना पड़ा तो अधिकारियों ने इसकी जानकारी फिर से हाई कोर्ट को दी और आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस इस पूरे मामले में हाई कोर्ट के आदेशों की पालना नहीं कर रही है। इस पर हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई करने को कहा। आज इस मामले में बड़ा अपडेट आने की संभावना है। हालांकि भाजपा इस मामले में केंद्रीय शासन लाने की मांग उठा रही है।
#WATCH कोलकाता स्थित पुलिस मुख्यालय से CBI की टीम रवाना हुई। पश्चिम बंगाल CID ने शेख शाहजहां की हिरासत CBI को नहीं सौंपी क्योंकि राज्य सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। pic.twitter.com/pKgBV3QHa7
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हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिये, जिसे बंगाल सरकार ने नहीं माना
संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम (SANDESHKHALI CASE CBI) की अध्यक्षता में हाई कोर्ट ने कहा कि, पश्चिम बंगाल इस मामले में पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रही है। शाहजहाँ शेख भी राजनीति और स्थानीय प्रशासन में प्रभाव रखता है जो किसी भी तरह से इस जांच को प्रभावित कर सकता है। जबकि इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसी को इसे सौंपने के आदेश दिये जा रहे हैं। इसी के चलते हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को शाहजहाँ शेख की कस्टडी शाम को 4:30 बजे तक सौंपने के आदेश दिये थे और केस को भी सीबीआई को सुपुर्द करना था। परंतु ना तो शाहजहाँ शेख की कस्टडी सौंपी गयी और न ही इस के से जुड़ी कोई फ़ाइल या जानकारी उपलब्ध करवाई गयी।
क्या है संदेशखाली और शाहजहाँ शेख मामला?
5 मार्च 2024 को शाहजहाँ शेख पर ईडी (SANDESHKHALI CASE CBI) ने छापेमारी की। उसी दौरान शेख और उसके समर्थकों ने ईडी पर हमला बोल दिया। ईडी ने इसके बाद मामला कोर्ट को सौंपा और पूरे मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। इसके बाद धीरे धीरे शाहजहाँ शेख के खिलाफ अपराधों का पुलिंदा खुलता चला गया। जिसमें संदेशखाली की स्थानीय महिलाओं के साथ हुए अत्याचार और बर्बरता भी सामने आई। अब तक शेख के खिलाफ अलग अलग गंभीर अपराध के तहत 42 से ज्यादा मामले दर्ज कर लिए गए हैं। इस मामले ने राजनीति में भी बवाल मचा दिया। पूरे मामले में जांच शुरू हुई और 51 दिन की फ़रारी काटने के बाद शाहजहाँ शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। अभी शाहजहाँ शेख कोर्ट के आदेश पर 10 दिन की पुलिस रिमांड पर है।
महिला आयोग ने मांगा राष्ट्रपति शासन
इस पूरे मामले में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचार (SANDESHKHALI CASE CBI) को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाक़ात की। महिला आयोग की राष्ट्रपति को पूरे मामले की जानकारी दी और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग भी की। इतना ही नहीं, महिला आयोग ने सन्देशखाली की महिलाओं से हुई मुलाक़ात और उनके बयानों को भी राष्ट्रपति को सौंपा। इसमें बंगाल सरकार, स्थानीय पुलिस और टीएमसी नेता शाहजहाँ शेख के खिलाफ पूरा मामला राष्ट्रपति के संज्ञान में लाया गया।
#WATCH कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा संदेशखाली मामले में CBI जांच के आदेश पर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, "कोर्ट के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। हम चाहते हैं कि इसकी तह तक जांच हो। यह फैसला दर्शाता है कि कोर्ट को ममता बनर्जी के प्रशासन पर कोई भरोसा नहीं है। यह… pic.twitter.com/xpgGZkUiKD
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भाजपा भी कर रहा है राष्ट्रपति शासन की मांग
इस पूरे मामले में बंगाल सरकार और स्थानीय पुलिस के पक्षपात (SANDESHKHALI CASE CBI) पूर्ण रवैये को देखते हुए भाजपा सरकार ने भी कोर्ट के फैसले में अपनी सहमति दिखाई है। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार ने कहा कि, हाई कोर्ट के इस आदेश से ही ये साफ हो जाता है कि बंगाल सरकार पर किसी भी तरह का कोई भरोसा नहीं रह गया है। हाई कोर्ट का ये फैसला ममता बनर्जी सरकार पर जोरदार प्रहार है।
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