शिवसेना सांसद संजय राउत को मानहानि के मामले में दोषी करार दिया गया है। मुंबई के शिवड़ी कोर्ट ने उन्हें 15 दिनों की जेल की सजा सुनाई है, साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला बीजेपी नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा किरीट द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे से जुड़ा हुआ है। मेधा ने राउत पर 100 करोड़ रुपये के मानहानि का आरोप लगाया था।
मेधा ने कोर्ट में राउत के द्वारा किए गए आरोपों का समर्थन करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इंटरव्यू की वीडियो क्लिप भी पेश की, जिसमें राउत ने अपने आरोपों को दोहराया था। सोमैया ने दावा किया कि इन आरोपों को प्रमुख समाचार चैनलों पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था, जिससे उनकी और मेधा की छवि को नुकसान पहुंचा।
क्या था आरोप?
संजय राउत ने मेधा सोमैया पर 2022 में आरोप लगाया था कि वह मुलुंड में एक शौचालय घोटाले में शामिल हैं। राउत के इन आरोपों के बाद, मेधा ने सख्ती से इनकार किया और कहा कि राउत द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और अपमानजनक हैं। इसके बाद, मेधा के पति किरीट सोमैया ने राउत को चुनौती दी कि वे अपने आरोपों का सबूत पेश करें। लेकिन जब राउत द्वारा कोई सबूत नहीं दिया गया, तो मेधा ने राउत के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद संजय राउत को दोषी पाया और सजा सुनाई। यह मामला राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के नए आयामों को उजागर करता है। राउत की इस सजा से राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है और यह मामला न केवल उनके लिए बल्कि शिवसेना के लिए भी एक चुनौती बन गया है।
सजा के बाद राउत की प्रतिक्रिया
कोर्ट के फैसले के बाद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन इस निर्णय पर उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है। राउत ने आगे कहा कि हमारे देश में न्याय की उम्मीद कैसे की जा सकती है, जब प्रधानमंत्री गणेश उत्सव के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश के घर जाते हैं और मोदक खाते हैं।