झूठ पकड़ने वाले टेस्ट में CBI को घुमाता रहा संजय रॉय, जानें कैसा रहा पॉलिग्राफ टेस्ट का नतीजा?
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर CBI का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। सीबीआई ने रविवार को संदीप घोष समेत 13 अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की, और उनके दस्तावेजों को जब्त किया। संदीप घोष से सीबीआई की पूछताछ आज 10वें दिन भी जारी है।
CBI को बहाने गिना रहा संजय रॉय
संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में रविवार को किया गया। रिपोर्टों के अनुसार, इस टेस्ट के दौरान रॉय घबराया और परेशान नजर आया। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि रॉय ने कई सवालों के जवाब देने में झूठ बोलने की कोशिश की, जिससे उनकी जाँच पर असर पड़ा। पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान रॉय के झूठे जवाबों ने सीबीआई को संतुष्ट नहीं किया। इस टेस्ट को सीबीआई के दो अधिकारियों और एक जेल अधिकारी की मौजूदगी में किया गया।
सूत्रों के अनुसार, संजय ने कोर्ट में जज के सामने अपने आप को निर्दोष बताते हुए रोने का दावा किया था, और पॉलिग्राफ टेस्ट में भी कुछ ऐसा ही परिणाम सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय ने अपने लाई-डिटेक्टर परीक्षण में दावा किया कि जब वह सेमिनार हॉल में पहुँचा, तो पीड़िता पहले ही मर चुकी थी। बलात्कार और हत्या के आरोपों से खुद को बेकसूर बताते हुए संजय ने कहा कि उसने जब हाल में प्रवेश किया और पीड़िता को देखा, तो वह पहले ही मृत थी। नशे की हालत में होने के कारण वह डर के मारे मौके से भाग निकला। CBI ने संजय से कई सबूत पेश किए, जिनके जवाब में उसने कई बहाने गिनाए।
संदीप घोष की लगातार पूछताछ
सीबीआई ने आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से 10 दिन तक लगातार पूछताछ की है। इससे पहले, रविवार को सीबीआई ने संदीप घोष और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ जब्त किए। सीबीआई का दावा है कि छापेमारी के दौरान भ्रष्टाचार से संबंधित महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जिससे संदीप घोष पर शिकंजा कस सकता है। अब तक संदीप घोष से लगभग 100 घंटे की पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन उनकी पूछताछ से प्राप्त जानकारी की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।
छापेमारी कर रही सीबीआई
रविवार को सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक संजय वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के ठिकानों पर छापे मारे। अधिकारियों ने मरीजों की देखभाल और प्रबंधन से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालयों पर भी छापे मारे, जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और सामग्री जब्त की गई।
कोर्ट ने दिया लाई डिटेक्टर टेस्ट का आदेश
सीबीआई ने संजय रॉय और संदीप घोष समेत सात लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए अदालत से अनुमति प्राप्त की है। यह टेस्ट न्यायिक सबूत के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके परिणाम जांच को एक दिशा देने में सहायक होंगे। दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से विशेषज्ञों का एक दल कोलकाता में इस टेस्ट को अंजाम देने के लिए भेजा गया है।
संजय रॉय के खिलाफ हैं कई सबूत
कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया था, जब 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर का शव मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में मिला था। गिरफ्तारी के बाद सीसीटीवी फुटेज और डॉक्टर के शव के पास एक ब्लूटूथ उपकरण मिलने के बाद संजय रॉय को संलिप्त पाया गया। रॉय 2019 से कोलकाता पुलिस के साथ नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा था और उसने कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ करीबी संबंध बना लिए थे।