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Saphala Ekadashi: एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, उठाना पड़ सकता है भारी नुकसान

Saphala Ekadashi

राजस्थान(डिजिटल डेस्क)। Saphala Ekadashi: इस साल की पहली एकादशी (Saphala Ekadashi) आज यानी 7 जनवरी को मनाई जा रही है। हर साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है। मान्यता हैं कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते है और भाग्य के द्वार खुल जाते हैं। लेकिन इस दिन कुछ कार्यो को करने की मनाही होती है जिसे करने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते है और आपको भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते है आज के दिन कौनसे कार्य नहीं करना चाहिए।

चावल का सेवन

सफला एकादशी(Saphala Ekadashi) के दिन भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। चाहे आप व्रत रखें या ना रखें लेकिन आज के दिन घर के अन्य सदस्यों  के लिए भी चावल ना बनाए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन चावल खाने से व्यक्ति का अगला जन्म रेंगने वाली योनि में जन्म होता है। साथ ही एकादशी के दिन तामसिक भोजन भी ना करे। लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि वहीं अगर आप द्वादशी तिथि पर चावल खा सकते है। द्वादशी तिथि पर चावल खाने से आपको इस योनि से मुक्ति मिल सकती है।

साबुन व तेल का इस्तेमाल

अगर आप सफला एकादशी का व्रत कर रहे है तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आज के दिन स्नान के समय तेल और साबुन का इस्तेमाल ना करें। सफला एकादशी में तेल व साबुन का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार एकादशी में तेल व साबुन को अशुद्ध माना जाता है। इसलिए इस दिन आप सिर्फ सादा स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्र धारण करें।

Saphala Ekadashi
अभद्र भाषा का प्रयोग

अगर आप आज का विष्णु भगवान की पूजा कर रहे है और व्रत रख रहे है तो आज के दिन मन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक विचारों को ना आने दे। साथ ही आज अपने व्यवहार और वाणी पर नियत्रंण रखने की कोशिश करे। जानें अनजाने में भी अभद्र भाषा, किसी भी तरह की गाली का प्रयोग, लड़ाई और दूसरों की निंदा व चुगली ना करें। ऐसा करने से व्रत का फल नष्ट और भगवान भी रूष्ट हो जाते है। इस दिन सिर्फ भगवान विष्णु का मन से जाप और स्मरण करें।

पूजा स्थान की साफ सफाई

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान भी उसी घर में निवास करते है जहां पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता हो। सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) के दिन पूजा स्थल को गंदा ना रहने दे। माना जाता है कि पूजा स्थान को गंदा रखने से वास्तु दोष होता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इससे मां लक्ष्मी नाराज होती है।

रात्रि में सोना

सफला एकादशी के दिन बिस्तर पर सोना वर्जित होता है। इस दिन आप जमीन पर बिस्तर लगा कर विश्राम कर सकते है। पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की आराधना करें और उनका स्मरण करते हुए भजन गायन करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते है और साधक पर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।

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