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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत

AAP नेता सत्येंद्र जैन को मिली जमानत
AAP नेता सत्येंद्र जैन को मिली जमानत

दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत मिल गई है। दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने उन्हें शुक्रवार को सशर्त जमानत दी। इस फैसले के बाद जैन की पत्नी भावुक हो गईं और कोर्ट में उनकी आंखों में आंसू आ गए।

कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन लगभग 18 महीने तक जेल में रह चुके हैं, और इस दौरान उन्होंने अपनी सजा काटी है। जस्टिस विशाल गोगने ने कहा कि मुकदमे में देरी और लंबी कैद को देखते हुए जैन को राहत दी जा सकती है। उन्होंने 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत मंजूर की, और आदेश दिया कि जैन न तो गवाहों से संपर्क करेंगे, न ही मुकदमे को प्रभावित करेंगे, और न ही देश से बाहर जाएंगे।

क्या है मामला?

सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने कई कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की। ED ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी, जो 2017 में सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों की प्राथमिकी के आधार पर थी। जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2015 से 2017 के बीच कई लोगों के नाम पर संपत्तियां खरीदी थीं, जिनका उन्होंने संतोषजनक हिसाब नहीं दिया।

हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद जैन के मुकदमे का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है, और इसे खत्म होने में समय लग सकता है। ED ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अगर जैन को रिहा किया गया, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन कोर्ट ने जमानत को मंजूरी देते हुए कहा कि लंबे समय तक कैद में रहने की वजह से जैन को राहत दी जानी चाहिए।

इससे पहले, जैन को 26 मई को सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल कंडीशन के आधार पर छह हफ्ते की जमानत मिली थी। उन्हें तिहाड़ जेल में फिसलने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और उनकी स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।

जैन ने मई 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सत्येंद्र जैन के केस की टाइमलाइन

तारीख घटना
2017 सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप सामने आए।
2017-2022 ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। आरोप लगाया गया कि जैन की कंपनियों ने 4.81 करोड़ रुपये का फंड हवाला के जरिए प्राप्त किया।
30 मई 2022 ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया।
2022-2023 सत्येंद्र जैन 18 महीने तक न्यायिक हिरासत में रहे, जबकि ट्रायल शुरू नहीं हुआ। कानूनी टीम ने देरी का हवाला दिया।
18 अक्टूबर 2024 दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत मंजूर की। न्यायाधीश ने ट्रायल में देरी और लंबी हिरासत को देखते हुए जमानत दी।
जमानत शर्तें जमानत मिलने के बावजूद जैन को गवाहों से संपर्क करने, देश छोड़ने से रोका गया। 50,000 रुपये का मुचलका भरना होगा।
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