SC NOTICE TO PATANJALI: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के विज्ञापनों पर लगा दी रोक…
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। SC NOTICE TO PATANJALI: भारत में वस्तुओं और वस्तुओं को बाजार में बिक्री (SC NOTICE TO PATANJALI) के लिए लोकप्रिय बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे और विज्ञापन अपनाए जाते हैं। लेकिन इन विज्ञापनों में जानकारी 100 प्रतिशत सटीकता के साथ प्रदर्शित नहीं की जाती है। इसके चलते भारत की एक मशहूर कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
सभी विज्ञापनों पर लग गयी रोक
फिर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने न्याय की दुहाई दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों को गुमराह (SC NOTICE TO PATANJALI) करने वाले विज्ञापन देने पर पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के सभी स्वास्थ्य संबंधी विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा कंपनी भविष्य में भी ऐसे विज्ञापन नहीं बना सकेगी।
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— Hind First (@Hindfirstnews) February 27, 2024
पतंजलि पर भ्रामक विज्ञापन का है आरोप
हालांकि, पतंजलि कंपनी (SC NOTICE TO PATANJALI) के विज्ञापनों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद और आचार्य बालकृष्णन को फटकार लगाते हुए नोटिस भी जारी किया है।
कंपनी और मालिक को अवमानना का नोटिस
कंपनी के विज्ञापन कई (SC NOTICE TO PATANJALI) मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाते हैं। जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का मानना है कि विज्ञापन झूठे सबूतों के साथ प्रकाशित किए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी और उसके मालिक (पतंजलि) बालाकृष्णन को अवमानना नोटिस का जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है।
करोड़ों रुपए का लग सकता है जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली (SC NOTICE TO PATANJALI) और जस्टिस ए. पीठ ने पहले के आदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए अमानुल्लाह की भी आलोचना की। पिछले साल कोर्ट ने कंपनी (पतंजलि) को विज्ञापनों पर रोक लगाने का आदेश दिया था। नवंबर महीने में ही सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि से कहा था कि अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो जांच के बाद कंपनी (पतंजलि) के सभी प्रोडक्ट्स पर 1-1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
केंद्र सरकार को निगरानी निर्देश जारी
पीठ ने पहले के आदेशों का हवाला देते हुए कहा, तमाम अदालती चेतावनियों (SC NOTICE TO PATANJALI) के बावजूद, आप कहते हैं कि आपकी (पतंजलि) दवाएं रसायन आधारित दवाओं से बेहतर हैं? कोर्ट ने आयुष मंत्रालय से यह भी सवाल किया कि विज्ञापनों को लेकर कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। हालांकि, सरकार की ओर से एएसजी ने कहा कि इस संबंध में डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। केंद्र सरकार के इस जवाब पर कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने नाराजगी जताई और कंपनी के विज्ञापनों पर नजर रखने का निर्देश दिया।
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