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देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम, मां शैलपुत्री की पूजा के साथ करे नवरात्र की शुरूआत, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त

Sharadiya Navratri 2024: आज से शारदीय नवरात्रि शुरू है। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन देशभर के मंदिरों में रौनक देखने को मिल रही है। मां की पूजा अर्चना और दर्शन के लिए सुबह से ही देश के प्रमुख मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। जम्मू के कटरा का वैष्णों देवी मंदिर पूरी तरह से सज चुका है। यहां माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है।

वहीं असम के गोवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में माता के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों को लंबी लबी लाइने देखते को मिल रही है। ऐसा ही कुछ हाल देश के अन्य मंदिरा का भी है।

माता वैष्णों देवी मंदिर

जम्मू और कश्मीर के कटरा में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हैं।

मां कामाख्या मंदिर

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन असम के गुवाहाटी स्थित मां कामाख्या मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी लाइन नजर आई। यहां सुबह से ही भक्त माता के दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच रहे हैं।

जंडेवाला माता मंदिर

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन के अवसर पर दिल्ली के जंडेवाला माता मंदिर में माता की आरती की गई।

छतरपुर श्री आदि कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर

दिल्ली के छतरपुर स्थित श्री आदि कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सुबह-सुबह माता की आरती की जा गई।

माता भीमेश्वरी देवी मंदिर

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन के अवसर पर हरियाणा के झज्जर स्थित श्री माता भीमेश्वरी देवी मंदिर (बेरी वाली माता) में आरती हुई।

वाराणसी और प्रयागराज मंदिर

उत्तर प्रदेश  में भी शारदीय नवरात्रि के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्त माता के दर्शन करते नजर आएं।

श्री दुर्गा परमेश्वरी मंदिर

कर्नाटक के बेंगलुरु में शारदीय नवरात्रि के पहले दिन पर बड़ी संख्या में भक्त श्री दुर्गा परमेश्वरी मंदिर में एकत्रित हुए।

श्री मुंबा देवी मंदिर

महाराष्ट्र के मुंबई स्थित श्री मुंबा देवी मंदिर में सुबह माता की आरती की गई।

माता शैलपुत्री की पूजा

मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर, साफ कपड़े पहनकर और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने से पहले  चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध करें और फिर उस पर मां दुर्गा की मूर्ति, तस्वीर या फोटो स्थापित करें। पूरे परिवार के साथ विधि-विधान से कलश स्थापना करें।

घट स्थापना के बाद मां शैलपुत्री के ध्यान मंत्र जप करें और नवरात्रि के व्रत का संकल्प लें। माता को कुमकुम, सफेद, पीले या लाल फूल चढ़ाएं। इसके बाद माता के सामने धूप और दीप जलाएं। पांच देसी घी के दीपक जलाएं और माता शैलपुत्री की आरती उतारें।

माता की कथा, दुर्गा चालिसा, दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ करें। परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं। अंत में माता को भोग लगाकर पूजा संपन्न करें। शाम के समय की पूजा में भी माता की आरती करें और मंत्र जप व ध्यान रखें। बता दें कि मां शैलपुत्री की पूजा षोड्शोपचार विधि से की जाती है। इनकी पूजा में सभी नदियों, तीर्थों और दिशाओं का आह्वान करें।

मां शैलपुत्री का मंत्र

-प्रफुल्ल वंदना पल्लवाधरां कातंकपोलां तुंग कुचाम् ।

-वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरम्।

-वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।।

-ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।

-कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम् ॥

-या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।

-नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।

-पूणेन्दु निभां गौरी मूलाधार स्थितां प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्॥

-पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥

कलश स्थापना मुहूर्त

कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहते हैं। कलश स्थापना नवरात्रि के समय किये जाने महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। यह नौ दिवसीय उत्सव के आरम्भ का प्रतीक है। द्रिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि पर कलश स्थापना (घटस्थापना ) मुहूर्त सुबह 06:10 से 07:10 बजे तक है। सुबह कलश स्थापना की अवधी कुल एक घंटा है। वहीं अभिजित मुहूर्त में कलश स्थापना (घटस्थापना ) का समय 11:44 से 12:32 बजे तक है। इस समय कलश स्थापना (घटस्थापना ) के लिए कुल 48 मिनट मिलेंगे। कलश स्थापना (घटस्थापना ) मुहूर्त प्रतिपदा तिथि और द्वि-स्वभाव कन्या लग्न के दौरान है।

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 03, 2024 को 01:48 बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त – अक्टूबर 04, 2024 को 04:28 बजे

कन्या लग्न प्रारम्भ – अक्टूबर 03, 2024 को 06:10 बजे

कन्या लग्न समाप्त – अक्टूबर 03, 2024 को 07:10 बजे

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