Shattila Ekadashi 2025: इस दिन होती है भगवान विष्णु की पूजा, जानें तिथि और महत्व

Shattila Ekadashi 2025: इस दिन होती है भगवान विष्णु की पूजा, जानें तिथि और महत्व

Shattila Ekadashi 2025: माघ महीने के दौरान मनाई जाने वाली षटतिला एकादशी, भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू उपवास दिवस है। “षटतिला” (Shattila Ekadashi 2025) शब्द “शत” (छह) और “तिला” (तिल के बीज) को जोड़ता है, जो तिल के छह रूपों- प्रसाद, दान, स्नान, उपभोग, अनुष्ठानों में उपयोग और पेस्ट के रूप में लगाना, के महत्व पर जोर देता है।

श्रद्धालु अपने शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए इस दिन का पालन करते हैं। अनुष्ठानों में उपवास करना, भगवान विष्णु को तिल चढ़ाना और जरूरतमंदों को दान करना शामिल होता है। तिल युक्त जल से पवित्र स्नान भी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2025) का पालन करने से पाप धुल जाते हैं, समृद्धि आती है और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा मिलता है, भौतिक इच्छाओं से भक्ति और वैराग्य को बढ़ावा मिलता है।

कब है इस महीने षटतिला एकादशी?

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस महीने षटतिला एकादशी (Shattila Ekadashi 2025 Date) 25 जनवरी, दिन शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं इस दिन एकादशी के व्रत के बाद 26 जनवरी को पारण होगा। पारण का समय द्वादशी के दिन सुबह 07:27 बजे से सुबह 09:50 तक है।

एकादशी तिथि आरंभ – 24 जनवरी 2025 को 21:55 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त – 25 जनवरी 2025 को 23:01 बजे

षटतिला एकादशी का महत्व

यह एकादशी (Shattila Ekadashi 2025 Significance) शुद्धि, दान और भक्ति पर जोर देती है। ऐसा माना जाता है कि यह पापों को साफ़ करता है, समृद्धि लाता है और आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित करता है। इस एकादशी के दिन तिल के बीज पवित्रता और पोषण का प्रतीक हैं और भगवान विष्णु को चढ़ाए जाते हैं और जरूरतमंदों को दिए जाते हैं। षटतिला एकादशी का पालन करने से भौतिक इच्छाओं के प्रति दया, भक्ति और वैराग्य की भावना पैदा होती है, जिससे आध्यात्मिक उत्थान होता है।

षटतिला एकादशी के अनुष्ठान

उपवास: इस दिन(Shattila Ekadashi 2025 Rituals) लोग कठोर उपवास करते हैं।
दान: जरूरतमंदों को तिल, भोजन या अन्य वस्तुएं देना अत्यधिक शुभ होता है।
स्नान: तिल के पानी से स्नान करने से तन और मन शुद्ध होता है।
पूजा: भगवान विष्णु की पूजा दीपक, तुलसी के पत्ते और तिल के प्रसाद से की जाती है।
प्रार्थना: षटतिला एकादशी व्रत कथा पढ़ने या सुनने से आध्यात्मिक योग्यता बढ़ती है।

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