केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को बताया कि अब देश के निर्यात में स्मार्टफोन दूसरे नंबर पर आ गया है, जबकि चार साल पहले यह 14वें स्थान पर था। स्मार्टफोन के निर्यात में यह बढ़ोतरी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI स्कीम) के कारण हुई है, जिसमें सरकार ने घरेलू स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है।
अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अब देश के निर्यात में स्मार्टफोन दूसरे स्थान पर है, जबकि चार साल पहले यह 14वें नंबर पर था। यह PLI स्कीम की एक बड़ी उपलब्धि है।”
PLI स्कीम ने भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता को वैश्विक स्तर पर बढ़ाया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम ने भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता को वैश्विक स्तर पर बढ़ाया है। इस योजना से न सिर्फ स्किल्स में सुधार हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी बने हैं। मंत्री के अनुसार, देश में उद्योग का इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है, और यह सेक्टर अब विश्व के बेहतरीन उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।
भारत के शीर्ष पांच निर्यातों में अब मोटर वाहन डीजल, स्मार्टफोन, विमानन ईंधन, हीरे और मोटर गैसोलीन शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने पीएलआई स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में कंपनियों को 1,600 करोड़ रुपये का इंसेंटिव दिया है। इसमें से 964 करोड़ रुपये उन कंपनियों को दिए गए हैं, जो भारत में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं।
▶️Another big PLI milestone. Smartphones now India’s 2nd ranked exports. Climbed from 14th to 2nd position in four years.
▶️PLI has driven global competitiveness, skilling and job creation. Ecosystem developing rapidly.
▶️The sector stands ready to compete with the best in the… pic.twitter.com/1p12JJ5JTs— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 23, 2025
भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात बढ़कर 22.5 अरब डॉलर तक पहुंचा
भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 27.4 प्रतिशत बढ़कर 22.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। ये बढ़ोतरी खासतौर पर केंद्र सरकार की पीएलआई स्कीम (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) की वजह से हुई है, जिसने देश में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स बनाने वाली कई नई फैक्ट्रियां स्थापित करने में मदद की है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स भारत के निर्यात के सबसे तेजी से बढ़ते हुए क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। 2024-25 के अप्रैल से लेकर नवंबर तक, भारत का इलेक्ट्रॉनिक निर्यात 22.5 अरब डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में ये 17.66 अरब डॉलर था।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग से निर्यात में होगा सुधार
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के शुरू होने से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के संचालन से निर्यात में सुधार होगा। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के लिए केनेस सेमीकॉन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत स्वीकृत होने वाली पांचवीं और साणंद में दूसरी सेमीकंडक्टर यूनिट होगी।
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