SMS Spoofing: बस एक क्लिक में खाली हो गया महिला का अकाउंट! क्या हैं इससे बचने के तरीके?

SMS Spoofing: दरअसल SMS स्पूफिंग साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है, जो तेजी से लोगों को निशाना बना रहा है। बता दें कि इस तकनीक के जरिए साइबर अपराधी आपके अकाउंट से पैसे चुरा लेते हैं। हाल ही में एक महिला ने सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए 1,10,000 रुपये के स्कैम के बारे में बताया, जो SMS स्पूफिंग का शिकार हुई थी। यहां हम आपको बता रहे हैं कि SMS स्पूफिंग क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

क्या है SMS स्पूफिंग?

SMS स्पूफिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें साइबर अपराधी SMS भेजने वाले की जानकारी में हेरफेर करते हैं और इसे वैध सेंडर से आया हुआ दिखाते हैं। यह तकनीक बैंकों, वित्तीय संस्थानों या प्रसिद्ध ब्रांड्स के नाम से मैसेज भेजकर यूजर्स को धोखा देने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसके जरिए स्कैमर्स यूपीआई (UPI) से जुड़े मोबाइल नंबरों को अपने डिवाइस से लिंक कर लेते हैं और भुगतान या निवेश ऐप्स का दुरुपयोग करते हैं।

कैसे काम करता है SMS स्पूफिंग?

सबसे पहले साइबर क्रिमिनल किसी फेमस ब्रांड या बैंक की आइडेंटिटी के साथ एक फेक मैसेज तैयार कर लेते हैं। उसके बाद वे WhatsApp, SMS या सोशल मीडिया के जरिए एक मैलवेयर वाली लिंक भेजते हैं। जब यूजर उस लिंक पर क्लिक करता है, तो मैलवेयर उसके डिवाइस पर इंस्टॉल हो जाता है। इसके बाद SMS को स्कैमर्स के वर्चुअल नंबर पर भेजा जाने लगता है। जिसके बाद अपराधी एक फ्रॉड UPI रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से पीड़ित के खाते को कंट्रोल कर लेते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल SMS स्पूफिंग स्कैम

अभी हाल ही में SMS स्पूफिंग का शिकार हुई एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। यहां हम आपके लिए akanksha.thakral अकाउंट से शेयर की गई उस महिला का वीडियो डाल रहे हैं, जिसके साथ SMS स्पूफिंग स्कैम से लगभग 110000 रुपये की धोखाधड़ी हुई है।

 

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SMS स्पूफिंग के प्रकार

फेक सेंडर आइडेंटिटी (Fake Sender ID): अपराधी बैंक या क्रेडिट कार्ड प्रदाता का नकली पहचान पत्र तैयार कर असली ID की जगह इस्तेमाल करते हैं।

साइबर बुलिंग (Harassment): इसमें अपराधी द्वारा पीड़ित को साइबरबुलिंग, प्रैंक या धमकी भरे संदेश भेजकर पीड़ितों से धन ऐंठने की कोशिश की जाती है।

फेक प्राइज इनफॉर्मेशन (False Prize Notifications): नकली इनाम की सूचना देकर बैंक डिटेल्स हासिल करने की कोशिश की जाती है।

जासूसी (Espionage): फर्जी वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए मैलवेयर इंस्टॉल किया जाता है।

SMS स्पूफिंग से बचाव के उपाय

1.थर्ड-पार्टी APK डाउनलोड न करें: थर्ड-पार्टी ऐप्स में मैलवेयर हो सकता है, जो आपके डिवाइस को असुरक्षित बना सकता है।

2.संदिग्ध SMS लिंक पर क्लिक न करें: अज्ञात स्रोत से प्राप्त लिंक को न खोलें। हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी लें।

3.सेंडर की पहचान की जांच करें: यदि बैंक या ऐप का नाम गलत स्पेलिंग में लिखा हो, तो वह जालसाजी हो सकती है।

3.तुरंत रिएक्शन देने से बचें: धोखेबाज अचानक पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बना सकते हैं। ऐसी चेतावनियों पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।

4.लिंक पर क्लिक करने से पहले एन्क्रिप्शन जांचें: केवल HTTPS वाले लिंक खोलें और Google Virustotal जैसे टूल से स्कैन करें।

5.संवेदनशील जानकारी साझा न करें: OTP, कार्ड डिटेल्स, UPI PIN आदि कभी भी किसी को साझा न करें।

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