क्या सरकार ने मजदूरों को आराम करने की आदत डाली?

L&T के चेयरमैन ने लेबर की कमी पर दिया बड़ा बयान, सरकारी योजनाओं को ठहराया जिम्मेदार

लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। पहले उन्होंने अपने कर्मचारियों को 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी, और अब कंस्ट्रक्शन लेबर को लेकर एक बयान देकर उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया है। सुब्रह्मण्यन का कहना है कि देश में कंस्ट्रक्शन लेबर की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है और इसके लिए सरकार की योजनाएं जिम्मेदार हैं। उनका मानना है कि इन योजनाओं के कारण मजदूर आराम को प्राथमिकता देने लगे हैं, और शायद उनकी आर्थिक स्थिति सुधर गई है, जिस वजह से वे अब काम करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाते।

कंस्ट्रक्शन लेबर की कमी पर दिया बयान

एसएन सुब्रह्मण्यन चेन्नई में आयोजित सीआईआई (साउथ ग्लोबल लिंकेज) समिट में शिरकत करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कंस्ट्रक्शन लेबर की भारी कमी हो गई है। उनका मानना है कि इसका मुख्य कारण सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं और डीबीटी (Direct Benefits Transfer) हैं, जिनसे मजदूरों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और अब वे काम करने की बजाय आराम को प्राथमिकता देने लगे हैं।

श्रमिकों के पलायन का कारण सरकार की योजनाएं

सुब्रह्मण्यन ने यह भी कहा कि जब हम श्रमिकों की तलाश करते हैं, तो हम पाते हैं कि देश में बहुत कम मजदूर काम करने के लिए इच्छुक हैं। जबकि दुनियाभर में श्रमिक काम के लिए पलायन कर रहे हैं, भारत में ऐसा नहीं हो रहा। उन्होंने यह माना कि शायद सरकार की योजनाओं की वजह से मजदूरों को अब काम की जरूरत नहीं पड़ रही है और उनकी जीवनशैली में सुधार हुआ है, जिससे वे कम काम करने को तैयार हैं।

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L&T के प्रयास और श्रमिकों की कमी की चुनौती

सुब्रह्मण्यन ने अपनी कंपनी की ओर से श्रमिकों की भर्ती और देखरेख के लिए एक समर्पित एचआर टीम रखने की जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि तमाम प्रयासों के बावजूद श्रमिकों को जुटाना और उन्हें बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उनका कहना है कि मजदूरों की मानसिकता अब बदल गई है, और वे अब नौकरी की तलाश में ज्यादा आगे नहीं बढ़ रहे हैं।

कंपनियों के लिए बढ़ती मुश्किलें

यह बयान ऐसे समय में आया है जब कंपनियों को श्रमिकों की कमी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। L&T जैसे बड़े निर्माण कंपनियों के लिए कंस्ट्रक्शन लेबर की उपलब्धता एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है। हालांकि, सुब्रह्मण्यन ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है, लेकिन सरकार की योजनाओं ने मजदूरों की मानसिकता में बदलाव किया है, जिससे कंपनियों को काम करने के लिए श्रमिकों की तलाश में मुश्किलें आ रही हैं।