Pushpa 2 trailer launch: इन दिनों साउथ के सुपरस्टार्स और फिल्ममेकर्स नॉर्थ इंडिया में अपनी फिल्मों का प्रमोशन कर रहे हैं। अल्लू अर्जुन ने पटना में पुष्पा 2 का ट्रेलर लॉन्च किया और वहां जो भीड़ दिखी, उसे देखकर लगा जैसे यह किसी बड़े राजनेता का चुनावी कैंपेन हो। इसी तरह, राम चरण ने भी अपनी फिल्म गेम चेंजर का टीजर लखनऊ में लॉन्च किया। यह पहली बार नहीं है कि साउथ स्टार्स नॉर्थ में अपनी फिल्में प्रमोट कर रहे हैं, बल्कि यह एक नया ट्रेंड बन चुका है। लेकिन सवाल ये उठता है कि साउथ फिल्ममेकर्स नॉर्थ इंडिया में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं? आखिर क्या कारण हैं कि ये सुपरस्टार्स यूपी-बिहार जैसे इलाकों में अपनी फिल्मों का प्रमोशन करने पहुंचे हैं? तो चलिए, जानिए 5 बड़ी वजहें जिनकी वजह से साउथ फिल्ममेकर्स अब हिंदी पट्टी में भी ध्यान दे रहे हैं।
1. पैन इंडिया फिल्में और नॉर्थ इंडिया का बॉक्स ऑफिस
साउथ की फिल्में अब केवल साउथ तक सीमित नहीं रहतीं। जब से साउथ फिल्मों को “पैन इंडिया” के तौर पर प्रमोट किया जाने लगा है, इन फिल्मों को पूरे देश में हिट होना जरूरी हो गया है। पुष्पा 2 और गेम चेंजर जैसी फिल्में अब सिर्फ तेलुगू या तमिल भाषी दर्शकों तक सीमित नहीं रह सकतीं, इनको हिंदी पट्टी के दर्शकों से भी अच्छा रिस्पॉन्स चाहिए। साउथ में इन फिल्मों को जितनी पॉपुलैरिटी मिली, अब फिल्ममेकर्स चाहते हैं कि नॉर्थ इंडिया में भी यही सफलता मिले। और इसके लिए नॉर्थ में अपने प्रमोशन को बड़े लेवल पर करना जरूरी है। यही वजह है कि अल्लू अर्जुन जैसे बड़े स्टार अब पटना जैसे शहरों में अपनी फिल्म का ट्रेलर लॉन्च करने जा रहे हैं।
2. संख्याबल और ज्यादा कमाई का मौका
कहते हैं कि “दिल्ली का रास्ता यूपी-बिहार से होकर जाता है”, और यह बात सिनेमा पर भी लागू होती है। यूपी, बिहार, और दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में सिनेमा देखने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। यहां की ऑडियंस साउथ के मुकाबले कहीं बड़ी है, और बड़ी संख्या का मतलब है बड़ी कमाई। साउथ फिल्मों के लिए यहां दर्शक ज्यादा हैं, और अगर उन्हें पैन इंडिया हिट बनाना है, तो हिंदी भाषी ऑडियंस को भी जोड़ना जरूरी है। पुष्पा जैसी फिल्मों ने नॉर्थ इंडिया में 100 करोड़ से ऊपर का बिजनेस किया था, और अब अल्लू अर्जुन जैसे स्टार्स चाहते हैं कि उनकी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 1000 करोड़ के पार जाए। इसके लिए नॉर्थ के दर्शकों से जुड़ना बहुत जरूरी है, और इसीलिए वे यहां बड़े प्रमोशन इवेंट्स कर रहे हैं।
3. विरासत और पॉपुलैरिटी का फायदा
पुष्पा के पहले पार्ट ने नॉर्थ इंडिया में जबरदस्त पॉपुलैरिटी हासिल की थी, खासकर अल्लू अर्जुन का “झुकेगा नहीं” डायलॉग तो हर किसी की जुबां पर था। फिल्म का हिंदी वर्जन भी बेहद सफल रहा और इसके बाद अल्लू अर्जुन को नॉर्थ इंडिया में भी स्टार बना दिया। अब पुष्पा 2 को लेकर अल्लू अर्जुन के पास पहले पार्ट की सफलता का फायदा है। वहीं, राम चरण की बात करें तो RRR के बाद उनकी पॉपुलैरिटी नॉर्थ में बहुत बढ़ गई है। RRR के बड़े हिट होने के बाद, राम चरण का नाम भी नॉर्थ इंडिया में एक बड़े स्टार के तौर पर उभरा है। यही वजह है कि गेम चेंजर के प्रमोशन के लिए भी उन्होंने लखनऊ का रुख किया है। इन सुपरस्टार्स के पास अपनी विरासत है, जिसे वे आगे बढ़ाना चाहते हैं, और इसके लिए नॉर्थ इंडिया में प्रमोशन करना जरूरी है।
4. सिंगल स्क्रीन ऑडियंस और मसाला फिल्में
साउथ की ज्यादातर फिल्में मसाला फिल्मों की तरह होती हैं, जो बड़े-बड़े एक्शन सीन्स, ड्रामा और एंटरटेनमेंट से भरी होती हैं। इन फिल्मों का असली मजा सिंगल स्क्रीन थिएटर में देखने का होता है, जहां लोग सीटियां बजाते हैं और सीन के हर मोमेंट पर ताली मारते हैं। बड़े शहरों में सिनेमा देखने का तरीका थोड़ा अलग होता है, लेकिन छोटे शहरों और कस्बों में लोग इस तरह की फिल्में देखना पसंद करते हैं। इसलिए, पुष्पा और RRR जैसी फिल्में नॉर्थ के छोटे शहरों में ज्यादा हिट होती हैं, जहां सिंगल स्क्रीन थिएटर की काफी अहमियत है। अल्लू अर्जुन और राम चरण जैसे स्टार्स इसे समझते हैं और अपनी फिल्मों का प्रमोशन इन छोटे शहरों में करने का फायदा उठाते हैं।
5. साउथ की भारतीयता और संस्कृति का आकर्षण
कोविड के बाद बॉलीवुड के खिलाफ बॉयकॉट ट्रेंड चलने से साउथ की फिल्मों को नॉर्थ इंडिया में काफी फायदा हुआ। नॉर्थ इंडिया के दर्शकों को अब ये लगता है कि साउथ फिल्में भारतीयता और हमारी पारंपरिक संस्कृति को सही तरीके से पेश करती हैं, जबकि बॉलीवुड की फिल्मों में अक्सर पश्चिमी प्रभाव ज्यादा होता है। यही वजह है कि साउथ फिल्मों को नॉर्थ इंडिया में एक नई पहचान मिली है। फिल्ममेकर्स इसे समझ रहे हैं और अपनी फिल्मों में भारतीय संस्कृति, परिवार, और परंपराओं को अच्छे से पिरोने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से नॉर्थ के दर्शक साउथ फिल्मों के प्रति और भी ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं।