UP ByPolls : उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। सपा आलाकमान ने पहले ही संकेत दिए थे कि पार्टी इस उपचुनाव में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए पूरी तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, सपा ने 10 सीटों में से 7 पर संभावित प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। पार्टी ने सभी संभावित उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि सपा अक्टूबर के अंत में चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद अपने आधिकारिक प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी।
खाली सीटों की जानकारी
इन उपचुनावों का आयोजन उन सीटों पर हो रहा है, जो हाल ही में खाली हुई हैं। करहल, मिल्कीपुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर ये सभी सीटें उन नेताओं द्वारा छोड़ी गई हैं, जो अब सांसद बन चुके हैं। इसके अलावा, सीसामऊ विधानसभा सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी के अयोग्य ठहराए जाने के कारण भी यह सीट खाली हुई है। इस प्रकार, सपा के पास इन सीटों पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर है।
पिछले चुनाव के नतीजे
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने करहल, सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और कुंदरकी सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं खैर, गाजियाबाद और फूलपुर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा था। मझवां सीट पर निषाद पार्टी और मीरापुर में राष्ट्रीय लोकदल ने जीत हासिल की थी। यह उपचुनाव सपा के लिए न केवल अपनी खोई हुई सीटों को वापस पाने का मौका है, बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने का भी अवसर है।
संभावित प्रत्याशी और उनकी पहचान
करहल: पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव का नाम करहल सीट के लिए चर्चा में है। उनके यादव परिवार से संबंध उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाते हैं।
मिल्कीपुर: अजीत कुमार का नाम इस सीट के लिए सामने आया है। वह स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं और पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा हो सकते हैं।
कटेहरी: छाया वर्मा, जो मौजूदा सांसद लालजी वर्मा की बेटी हैं, इस सीट पर संभावित उम्मीदवार हैं। उनके परिवार का राजनीतिक अनुभव इस सीट के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
कुंदरकी: पूर्व विधायक रिजवान का नाम भी इस सीट के लिए चर्चा में है। उनकी स्थानीय पहचान और जनसमर्थन उन्हें एक मजबूत कैंडिडेट बनाते हैं।
मीरापुर: पूर्व विधायक कादिर राणा को इस सीट से उतारा जा सकता है, जो पहले भी यहां से सपा के लिए अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं।
सीसामऊ: इरफान सोलंकी की पत्नी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है, जो सपा के समर्थन को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं।
खैर: ओम पाल सिंह का नाम खैर सीट के लिए लिया जा रहा है। उनकी स्थानीय पहचान और सामाजिक संबंध उन्हें इस सीट पर मजबूत बना सकते हैं।
परिवार का योगदान
तेज प्रताप यादव का नाम करहल से इसलिए चर्चा में है क्योंकि वह यादव परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जो यूपी की राजनीति में एक महत्वपूर्ण परिवार है। मिल्कीपुर के संभावित प्रत्याशी अजीत कुमार भी फैजाबाद के मौजूदा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं, जो पार्टी के लिए एक नई पहचान पेश कर सकते हैं। कटेहरी से छाया वर्मा की उम्मीदवारी उनके परिवार के राजनीतिक अनुभव को दर्शाती है, जो स्थानीय वोटरों को आकर्षित करने में मदद कर सकती है।
भविष्य की रणनीति
सपा का उद्देश्य इस उपचुनाव के माध्यम से न केवल अपनी खोई हुई सीटों को वापस पाना है, बल्कि एक मजबूत आधार तैयार करना भी है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मदद कर सके। पार्टी ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए संभावित कैंडिडेट्स की पहचान कर ली है और चुनावी तैयारियों में जुट गई है।
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