संभल हिंसा: उत्तरप्रदेश में मज्सिद सर्वे विवाद के चलते अभी हाल ही के दिनों में संभल में हिंसा भड़क उठी थी। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था। जिसमे से कुछ अपराधी मुरादाबाद जेल में बंद है। इस आरोपियों को संभल में जिला जेल न होने की वजह से मुरादाबाद जेल में रखा गया था। जिनसे समाजवादी पार्टी (SP) के कुछ नेता मिलने जेल पहुंच गए। जिसके बाद इस मुलाकात को अवैध करार देते हुए प्रशाशन के द्वारा कार्रवाई की गई।
कार्रवाई के दौरान डीजी जेल ने मुरादाबाद जेल के जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश शासन को भेजी गई है। कार्रवाई का कारण यह बताया गया की जेल के अधिकारीयों ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को अपराधियों से मिलने की अनुमति कैसे देदी। जबकि उनके पास किसी भी प्रकार की आधिकारिक अनुमति नहीं थी। ऐसा करना जेल के नियम के विरुद्ध है।
समाजवादी पार्टी, उत्तर प्रदेश
19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ
प्रकाशन/प्रसारण हेतु- दिनांकः02.12.2024
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर मुरादाबाद जिला कारागार में बंद संभल हिंसा के निर्दोष लोगों से समाजवादी पार्टी… pic.twitter.com/CDxlTHwq2J— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 2, 2024
मिलने के बाद नेताओं ने X पर साझा की तस्वीर
मुरादाबाद जेल में मिलने पहुंचे समाजवादी नेताओं में विधायक नवाब जान, चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन के साथ कई और लोग भी पहुंचे थे। ऐसा बताया गया है की कुल 15 लोग पहुंचे थे। नेताओं ने मुलाकात करने के बाद संभल हिंसा के आरोपियों के साथ सेल्फी भी ली और X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर मुरादाबाद जिला कारागार में बंद संभल हिंसा के निर्दोष लोगों से समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और उनका दुख-दर्द जाना।’
बिना पर्ची कैसे हुई मुलाकात ?
पूर्व सांसद, विधायक और कुछ सपा नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने जेल में आरोपियों से बिना पर्ची के मुलाकात की। इस मामले की शिकायत के बाद शासन ने डीजी जेल को निर्देश दिया, जिन्होंने डीआईजी जेल कुंतल किशोर को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। जांच के दौरान पता चला कि जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह ने लापरवाही की इसके परिणाम स्वरुप डीजी जेल पीवी राम शास्त्री ने दोनों को निलंबित कर दिया। साथ ही, जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ भी लापरवाही के आरोप में विभागीय कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की गई है।