अहमदाबाद (डिजिटल डेस्क) । Maharastra Government : महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समूह के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में फैसला सुना रहे हैं। करीब डेढ़ साल पहले 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 39 विधायकों ने शिवसेना से बगावत कर दी थी और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसके बाद शिंदे को सीएम बनाया गया था। देवेन्द्र फड़णवीस बने डिप्टी सीएम बनाया गया था। उद्धव पक्ष ने पहले दल-बदल विरोधी कानून के तहत स्पीकर को नोटिस दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और दोनों समूहों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर कीं थी।
Shiv Sena MLAs’ disqualification case | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, “Shinde faction was the real Shiv Sena political party when rival factions emerged on 21st June 2022.” pic.twitter.com/ap02jTodPl
— ANI (@ANI) January 10, 2024
मैं ईसीआई के आदेश से आगे नहीं जा सकता: स्पीकर
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘महेश जेठमलानी ने भी कहा कि 2018 में चुनाव नहीं होंगे। मैं ईसीआई के आदेशों से आगे नहीं जा सकता। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी को स्वीकार किया जा रहा है। मेरी एक बहुत ही सीमित समस्या है। मैं दसवीं अनुसूची के अनुसार अध्यक्ष के रूप में अपनी शक्तियों का प्रयोग कर रहा हूं। उपसभापति के पास शिकायत आई थी। इसके बाद 21 जून 2022 को शिवसेना (Maharastra Government) में फूट पड़ गई थी। दोनों गुटों को व्हिप जारी किया गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से यह भी पूछा कि व्हिप का कौन सा समूह मान्य होगा?
Shiv Sena MLAs’ disqualification case | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, “Also in my view, the 2018 leadership structure (submitted with ECI) was not as per the Shiv Sena Constitution. Shiv Sena party chief as per the party Constitution can not remove anyone from… pic.twitter.com/ts92LnyUUt
— ANI (@ANI) January 10, 2024
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी शिंदे गुट को असली शिवसेना: स्पीकर का दर्जा मिला
ईसीआई रिकॉर्ड भी शिंदे समूह को वास्तविक रूप से शिवसेना का दर्जा देते हैं। मैंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग के फैसले को भी ध्यान में रखा है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। शिव सेना का 1999 का संविधान सर्वमान्य एवं सर्वोच्च है। यह संशोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे समूह के वकील देवदत्त कामत की दलीलों का भी हवाला दिया।
शिंदे को हटाने की शक्ति उद्धव ठाकरे के पास नहीं: स्पीकर
विधायकों की अयोग्यता के मामले में अपना फैसला बताते हुए महाराष्ट्र विधानसभा (Maharastra Government) अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को हटाने की शक्ति नहीं है। शिवसेना अध्यक्ष को पार्टी के किसी भी नेता को हटाने का कोई अधिकार नहीं है। एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाने का फैसला स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
शिंदे को हटाने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लेना चाहिए था
विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि पार्टी संविधान के मुताबिक, उद्धव गुट सीएम शिंदे को नहीं हटा सकता। संविधान में पार्टी अध्यक्ष का कोई पद नहीं है। साथ ही विधायक दल के नेता को हटाने का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि शिंदे को हटाने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लेना चाहिए था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर उद्धव गुट का रुख साफ नहीं है। इसके साथ ही अध्यक्ष ने 25 जून 2022 के कार्य प्रस्तावों को अमान्य घोषित कर दिया था।
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