Madhya Pradesh: खंडवा। खंडवा स्थित ओंकारेश्वर डैम के बैक वॉटर में एशिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पैनल परियोजना बनी है। यहां पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की बिजली लाइन का ट्रायल गुरुवार को पूरा हो गया है। इसके साथ ही 100 मेगावॉट क्षमता का पहला पानी पर तैरता ट्रांसफॉर्मर चार्ज होने के बाद ठीक से काम भी करने लगा है।
फ्लोटिंग प्लांट से 50 मेगावॉट बिजली
इसके सफल ट्रायल (Madhya Pradesh) के बाद बैकवॉटर में स्थित एम्प कंपनी के पावर प्लांट तक सफलता पूर्वक बिजली सप्लाई पहुंचाई गई है। अब एम्प कंपनी के प्लांट में अन्य उपकरणों की टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने की प्रोसेस की जा रही है। जिसके बाद पहले चरण में अगले कुछ दिनों में 50 मेगावॉट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
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ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग भी सफल
यहां डैम से खंडवा के छैगांव माखन ग्रिड तक बिजली पहुंचाई जाना है। जहां से एमपीपीएमसीएल के माध्यम से प्रदेश के स्थानों पर जरूरत होगी। वहां प्लांट से बनने वाली बिजली की सप्लाई की जाएगी। इस फ्लोटिंग सोलर पैनल परियोजना के इंजीनियरों के अनुसार पहले ट्रांसफॉर्मर का ट्रायल हो चुका है। तो वहीं दूसरे ट्रांसफॉर्मर की टेस्टिंग भी पूर्ण कर ली गई है। अब इसे आने वाले दिनों में चार्ज किया जाएगा।
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तीसरा ट्रांसफॉर्मर स्थापित हुआ
इसके साथ ही परियोजना से जुड़ा तीसरा ट्रांसफॉर्मर भी स्थापित किया जा रहा है। इसी माह के अंत तक काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश को सोलर पावर से बिजली मिलना शुरू हो जाएगी। खंडवा अपर कलेक्टर काशीराम बडोले ने बताया कि एशिया के सबसे बड़े पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की टेस्टिंग चल रही है। कुल मिलाकर 100 मेगावॉट बिजली उत्पादन का उद्देश्य है।