पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (sukhbir singh badal) को अकाल तख्त द्वारा दी गई सजा आज से शुरु हो गई है। मंगलवार को सुखबीर बादल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सजा भुगतना शुरु कर दिया। पहले दिन गले में तख्ती लटकाए व्हीलचेयर पर बैठे सुखबीर बादल ने गुरुद्वारे की पहरेदारी की। इस दौरान वे सेवादारों के परिधान पहने नजर आए। उन्होंने हाथ मे सेवादारों की तरह भाला भी लिया हुआ था। पहरेदारी के अलावा उन्होंने गुरुद्वारे की रसोई में बर्तन भी साफ किए।
पहरेदारों की वेशभूषा में नजर आए
वहीं गुरुद्वारे के मुख्य द्वार के दूसरी तरफ अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींढसा भी व्हीलचेयर पर बैठे नजर आए। इस दौरान वे भी गले में तख्ती लटकाए, सेवादारों के परिधान पहने और हाथ में भाला पकड़े नजर आए। वहीं अकाली दल के अन्य नेता जिन्हें अकाल तख्त से धार्मिक सजा मिली है स्वर्ण मंदिर में सेवा निभाते नजर आए।
अकाली दल के नेताओं ने शौचालय साफ किया
सजायाफ्ता अकाली दल के कुछ नेताओं का शौचालय साफ करते हुए वीडिओ भी सामने आया है। वीडियो में दलजीत सिंह चीमा, बिक्रम सिंह मजीठिया और महेशइंदर सिंह ग्रेवाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शौचालय साफ करते दिखे। इसके अलावा बलविंदर सिंह, सुच्चा सिंह लंगाह, बीबी जागीर कौर और प्रेम सिंह चंदूमाजरा समेत अन्य नेताओं को भी स्वर्ण मंदिर में सेवा करते देखा गया।
#WATCH | Punjab: SAD leaders Daljit Singh Cheema, Bikram Singh Majithia and Maheshinder Singh Grewal clean toilets at the Golden Temple in Amritsar, as part of the religious punishment announced by the Akal Takht yesterday. pic.twitter.com/RfoO3N5ZFI
— ANI (@ANI) December 3, 2024
अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को क्यों सुनाई ये सजा?
दरअसल, साल 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह की तरह वेशभूषा धारण करके अमृत छकाने का काम किया था। लेकिन 2015 में पंजाब की अकाली सरकार के मुख्यमंत्री रहे सुखबीर बादल ने डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। बादल ने राम रहीम को सजा दिलवाने की जगह उसके खिलाफ दर्ज मामले को वापस ले लिया था।
इस मामले को लेकर अकाल तख्त ने बादल और उस समय उनकी सरकार में कैबिनेट में मंत्री रहे नेताओं को धार्मिक गलतियों पर सजा सुनाई है। अकाल तख्त द्वारा सुखबीर बादल को सुनाई गई धार्मिक सजा में उन्हें गुरुद्वारे में सेवादारी करने, बर्तन धोने और पहरेदारी करने का आदेश दिया है। इसके अलावा वे स्वर्ण मंदिर में बने सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई भी करेंगे।
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