अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स पिछले छह महीनों से स्पेस में फंसी हुई हैं। स्पेस में उनके साथी बुच विल्मोर भी साथ हैं। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इसी साल जून में 1 हफ्ते के लिए स्पेस में गये थे। लेकिन स्टारलाइनर यान में खराबी की वजह से उन दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही रुकना पड़ा था और अब फरवरी 2025 या उसके बाद ही वे वापस आ सकते हैं। लेकिन हाल ही में सुनीता विलियम्स की स्पेस से आई तस्वीरें कई डॉक्टरों को चिंता में डाल रही हैं।
सुनीता विलियम्स बीमार?
बता दें कि स्पेस से सुनीता विलियम्स की जो तस्वीरें आई हैं। इन तस्वीरों को देखकर डॉक्टरों को लग रहा है कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। उन्हें लगता है कि विलियम्स का वजन कुछ ज्यादा ही कम हो गया है, जो कि चिंता का विषय है। डॉक्टर्स के मुताबिक सवाल यही है कि आखिर विलियम्स की तबीयत स्पेस में क्यों खराब हो रही है।
सुनीता विलियम्स दिख रही कमजोर
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन कुछ तस्वीरें आई हैं। जिनमें विलियम्स के गहरे गड्ढे वाले गाल साफ दिख रहे हैं और वे पहले से काफी पतली-दुबली भी दिखाई दे रही है। यही कारण है कि अनुमान लगाया जा रहा है कि विलियम्स का वजन काफी कम हो गया है।
शरीर में क्यों हो रहे हैं बदलाव
एक वरिष्ठ और अनुभव एक्सपर्ट डॉ विनय गुप्ता ने डेली मेल को बताया कि विलियम का पिज्जा बनाते हुई तस्वीरें उनकी सेहत को लेकर कुछ चिंताएं पैदा की है। उनके मुताबिक विलियम्स पृथ्वी से बहुत ही अधिक ऊंचाई पर कुदरती दबाव झेलना पड़ रहा है। यही कारण है कि उनके गाल के गड्ढे गहरे हो गए हैं, ऐसा पूरे शरीर का वजन घटने के कारण होता है। उन्होंने कहा कि लगता है कि विलियम्स की डाइट में कैलोरी काफी कम हो गई हैं और उनका शरीर का सेहतमंद वजन नहीं रह गया है। इंसानी शरीर खाने से ज्यादा कैलोरी खर्च करने को सहन नहीं कर सकता है। दरअसल विलियम्स के साथ भी ऐसा ही हो रहा है।
स्पेस में होती है दिक्कत
स्पेस में वजन कम होना एस्ट्रोनॉट्स के साथ यह आम समस्या है। यह शरीर का वजन कायम रखना वहां चुनौतीपूर्ण हो जाता है, क्योंकि माइक्रोग्रैविटी की माहौल के कारण शरीर की कैलोरी की मांग बढ़ जाती है। इससे शरीर पोषण कैसे अवशोषित करता है और ऊर्जा का उपयोग कैसे करता है, इसमें बदलाव आ जाता है। वहीं नासा की 2014 की स्टडी के मुताबिक महिलाओं को स्पेस में ज्यादा जोखिम होता है। स्पेस फ्लाइट के दौरान उनके शरीर में ब्लड प्लाज्मा की मात्रा ज्यादा कम होती है। बॉल यूनिवर्सिटी के 2023 में किए गए अध्ययन के मुताबिक महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले मांसपेशियों का ज्यादा नुकसान होता है।