उप-चुनाव के लिए 10 सीटों की सूची
यहां एक नज़र डालते हैं उन 10 विधानसभा सीटों पर, जहां उप-चुनाव होना है। इनमें से कुछ सीटें समाजवादी पार्टी (SP) के पास थीं, कुछ भाजपा के पास और कुछ सीटें भाजपा के सहयोगी दलों, जैसे निषाद पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के पास थीं।
विधानसभा क्षेत्र | मंत्री का नाम |
---|---|
मीरापुर | अनिल कुमार |
कुंदरकी | धर्मपाल सिंह |
गाजियाबाद | सुनील शर्मा |
खैर | लक्ष्मी नारायण |
करहल | जयवीर सिंह |
शीशामऊ | सुरेश खन्ना |
फूलपुर | राकेश सचान |
मिल्कीपुर | सूर्य प्रताप शाही |
कटेहरी | स्वतंत्र देव सिंह |
मंझवा | आशीष पटेल |
भाजपा के उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया
बैठक में भाजपा ने इन 10 सीटों के लिए उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की है, जिसमें हर सीट के लिए तीन नामों का पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस पैनल में से एक नाम को अंतिम रूप से पार्टी हाई कमान द्वारा चुना जाएगा।
ये भी पढ़ें- सपा ने UP उपचुनाव के लिए 10 में से 7 सीटों पर तय किए कैंडिडेट, देखें पूरी लिस्ट
दिलचस्प बात यह है कि, इस सूची में एक भी मुस्लिम नेता का नाम नहीं है, जबकि संभल की कुंदरकी सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 62 प्रतिशत के आसपास है। ऐसे में इस सीट पर भाजपा को मुस्लिम वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नई रणनीतियों पर काम करना होगा।
उप-चुनाव में भाजपा की चुनौतियां
उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए यह उप-चुनाव एक बड़ी चुनौती बन सकता है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को उम्मीद से कम वोट मिले थे और कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में भाजपा के लिए यह उप-चुनाव अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल करने का एक अहम मौका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस बार चुनावी क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे हैं।
उनकी पार्टी ने चुनावी तैयारियों को लेकर ‘सुपर 30’ नामक एक कमेटी बनाई है, जो विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनता से फीडबैक लेकर चुनावी रणनीति बना रही है। इस टीम में 30 मंत्री शामिल हैं, जो चुनावी क्षेत्रों में जाकर पार्टी की स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
3-3 नामों का पैनल तैयार
बैठक में पार्टी ने उम्मीदवारों के लिए 3-3 नामों का पैनल तैयार किया है। इस पैनल को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा और वहां से एक नाम को फाइनल किया जाएगा। इन उम्मीदवारों की घोषणा के बाद भाजपा अपने चुनावी प्रचार को और तेज कर देगी।
ये भी पढ़ें- गुजरात के CM से भारत के PM तक: जानें पीएम मोदी ने 23 साल के सफर में कितने बड़े काम किए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट को लेकर खास ध्यान दिया है। यह सीट अयोध्या के पास है और यहां पर भाजपा के लिए जीत की संभावनाएं अच्छी मानी जा रही हैं। पिछले दो महीने में मुख्यमंत्री योगी पांच बार मिल्कीपुर क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं और यहां के मतदाताओं से मुलाकात की है।
संविदा नौकरियों पर भी आरक्षण
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार की योजना है कि वह संविदा नौकरियों और ठेके पर होने वाली नियुक्तियों में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण लागू करे।
इस फैसले का उद्देश्य इन समुदायों के बीच समर्थन बढ़ाना है, खासकर जब राज्य में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। सरकार का मानना है कि आरक्षण के इस कदम से इन वर्गों को सरकारी नौकरी की ओर आकर्षित किया जा सकेगा और साथ ही उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि इस फैसले से उपचुनाव में सरकार को राजनीतिक फायदा हो सकता है, क्योंकि इनमें से कई सीटें पिछड़े इलाकों से आती हैं, जहां SC, ST और OBC वोटरों की संख्या अधिक है। हालांकि अभी इस योजना पर अब अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है, लेकिन यदि यह लागू होती है तो यह प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है।