दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

Arvind Kejariwal Bail: सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। दिल्ली के मख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 156 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। जिसके बाद आज शाम तक केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भूयान ने सुनवाई करते हुए केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। बता दें कि पीठ ने 5 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि AAP प्रमुख को 26 जून को CBI ने उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में थे।

 

वहीं कुछ हफ्तों बाद, 12 जुलाई को, सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री को ED मामले में अंतरिम जमानत दी थी। ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को एक बड़ी पीठ के पास भेजा गया था। हालांकि, CBI द्वारा गिरफ्तारी के कारण वे तिहाड़ जेल में ही रहे।

शराब नीति मामले में जेल से बाहर आने वाले चौथे प्रमुख नेता

अगर केजरीवाल को जमानत मिलती है, तो वह शराब नीति मामले में जेल से बाहर आने वाले चौथे प्रमुख नेता होंगे। जिनमें AAP के मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, विजय नायर और भारत राष्ट्र समिति की के कविता शामिल हैं।

पीछली सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

पीछली सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि CBI ने AAP प्रमुख को उस समय गिरफ्तार किया जब वह ED मामले में रिहाई के कगार पर थे। उन्होंने CBI द्वारा केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई को ‘Insurance Arrest’ करार दिया था। सिंघवी ने यह भी कहा कि CBI का मामला अगस्त 2022 में दर्ज हुआ था, लेकिन केजरीवाल को लगभग दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया गया।

CBI की तरफ से क्या कहा गया

दूसरी ओर, CBI का दावा है कि शराब नीति मामले से मिले घूस का एक बड़ा हिस्सा AAP द्वारा 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया। CBI की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि केजरीवाल ने जमानत के लिए कभी निचली अदालत का रुख नहीं किया, जो सामान्य प्रक्रिया है।

मुख्यमंत्री, जो 1 अप्रैल से जेल में हैं। उन्होंने सीधे हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। ASG ने दावा किया कि यदि केजरीवाल को जमानत दी गई तो दिल्ली हाई कोर्ट का मनोबल गिर सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क से असहमति जताते हुए कहा था कि ऐसा मत कहिए।

कब लागू हुई थी शराब नीति

गौरतलब है कि AAP सरकार ने नवंबर 2021 में ‘नई शराब उत्पाद शुल्क नीति’ लागू की थी ताकि राष्ट्रीय राजधानी में शराब के कारोबार को फिर से नए स्तर से बढ़ाया जा सके। हालांकि, आठ महीने बाद इस नीति को शराब लाइसेंस देने में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच वापस ले लिया गया था।

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