सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का क्रेडिट कार्ड पर बड़ा अपडेट, टाइम पर पेमेंट नहीं करने पर लगेगा इतना ब्याज

देशभर में अधिकांश लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए निराश करने वाली खबर आई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार को क्रेडिट कार्ड पर बकाया ब्याज की सीमा 30% तय करने के एनसीडीआरसी के फैसले को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अगर आप समय पर क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज देना पड़ेगा।

क्रेडिट कार्ड

आज के वक्त अधिकांश लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। क्रेडिट कार्ड का आसान सा मतलब कर्जा लेना होता है। यूजर्स के पास जिस भी बैंक का क्रेडिट कार्ड होता है, यूजर्स उस बैंक से जरूरत पड़ने पर तय लिमिट के मुताबिक पैसा निकालकर सकते हैं। लेकिन उसके बाद यूजर्स को वो पैसा एक तय समय के अंदर वापस करना होता है, अगर यूजर्स ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें ब्याज के साथ पैसा वापस करना होता है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

बता दें कि 2008 के फैसले में एनसीडीआरसी ने क्रेडिट कार्ड बकाया पर 36 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच ब्याज दर वसूलने के लिए बैंकों को कड़ी फटकार लगाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के 2008 के फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि बैंक क्रेडिट कार्ड बकाया पर 30 प्रतिशत से अधिक ब्याज वसूलना अनुचित व्यापार व्यवहार के समान होगा। जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने एचएसबीसी बनाम आवाज फाउंडेशन मामले में फैसला देते हुए कहा पूर्ववर्ती कारणों के मद्देनजर एनसीडीआरसी के फैसले को रद्द किया जाता है।

क्रेडिट कार्ड पर कितना लगेगा ब्याज

जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड सहित क्रेडिट सुविधाओं पर बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दरों को सीमित करने के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं किया है। आरबीआई की तरफ से नियम नहीं होने के कारण बैंक उच्च-ब्याज दरें निर्धारित कर पा रहे हैं। बता दें कि 2008 में एनसीडीआरसी ने क्रेडिट कार्ड बकाया पर 36 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच ब्याज दर वसूलने के लिए बैंकों की कड़ी आलोचना की थी।

इन देशों में लगता है इतना ब्याज

जानकारी के मुताबिक अमेरिका, यूनाइटेड किंग्डम और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में क्रेडिट कार्ड पर इंटरेस्ट रेट भारत से काफी कम लगता है। जैसे अमेरिका और यूनाइटेड किंग्डम में 9.99 से 17.99 लगता है, वहीं ऑस्ट्रेलिया में यह 18 से 24 फीसदी के बीच लगता है।