दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने एयर क्वालिटी के बिगड़ने के कारण दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10वीं और 12वीं क्लास की कक्षाओं को बंद करने का आदेश दिया है। वहीं केंद्र सरकार से सभी संस्थानों से वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने के लिए कहा है।
ऑनलाइन चलेगी क्लास
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-एनसीआर के बढ़ते प्रदूषण को देखने के बाद क्लास 12 तक की फिजिकल क्लास पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने कहा कि अब स्कूलों की क्लास ऑनलाइन चलेगी। वहीं वर्क फ्रॉम होम को लेकर कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकारी और निजी दफ्तरों में 50% स्टाफ से काम पर विचार हुआ? इस पर दिल्ली के वकील ने कहा कि विचार हो रहा है। जिसके बाद वकील ने कहा कि यही समस्या है कि आप हर बात में देर करते हैं।
कोर्ट ने लगाए प्रतिबंध
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील शंकरनारायण ने कहा कि स्कूल बंद होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे लोग गंभीरता को समझेंगे। वकील ने कहा कि कोर्ट में भी ऑनलाइन काम होना चाहिए। अदालत ने जीआरएपी चरणों के तहत प्रदूषण निवारक उपाय लागू करने में देरी को लेकर दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से सवाल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से कहा कि वे तुरंत GRAP 4 प्रतिबंध लागू करने के लिए टीमें गठित करें। वहीं न्यायालय ने कहा कि AQI 450 से कम होने पर भी ये प्रतिबंध प्रभावी रहेंगे।
वायु प्रदूषण गंभीर समस्या
बता दें कि सोमवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब होकर ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में पहुंच गई है। इस समय शहर में AQI 1,300 से 1,600 के बीच दर्ज किया गया है। वहीं प्राधिकरण ने प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू किया, जिसमें ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक परियोजनाओं पर निर्माण को निलंबित करना शामिल है, जो सुबह से लागू हो गए हैं। दिल्ली में सुबह के समय सबसे अधिक घने जहरीले धुएं से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि मौसम में बदलाव आने की उम्मीद में CAQM ने ग्रैप के प्रावधान अमल में लाने में समय बर्बाद किया है। कोर्ट ने कहा कि यह रवैया गलत है। कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में प्रतिबंधित गाड़ियों का प्रवेश रोकने और निर्माण कार्यों को बंद करने को लेकर उठाए गए हैं। कोर्ट ने आदेश दिया कि एनसीआर के दूसरे राज्य भी विशेष टीमें बना कर अपने यहां गैप 4 लागू करें।