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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पुलिस द्वारा दर्ज एक आपराधिक मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ”जय श्री राम” के नारे लगाने से कैसे किसी समुदाय की धार्मिक भावन आहत हो सकती है।