Tag: Dharambhakti
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Akhadas in Mahakumbh: कब, कैसे और क्यों हुआ अखाड़ों का निर्माण? जानिए इनका गौरवपूर्ण इतिहास
अखाडा का शाब्दिक अर्थ कुश्ती के लिए एक जगह या क्षेत्र होता है। आज हम जिस अखाड़े की बात कर रहे हैं उनका तात्पर्य है मठवासी संस्थाएं या संप्रदाय
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Fire in Mahakumbh: इन फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स से हो रही है महाकुंभ की सुरक्षा, इसीलिए नहीं फैली आग
उन्नत वाहनों, एटीवी जो रेतीली जमीन पर काम कर सकते हैं, फायर रोबोट, फोम टेंडर और अन्य उपकरणों के साथ, महाकुंभ में बड़ी से बड़ी आग को भी बुझाना आसान है।
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Naga Sadhu Pramod Giri: महाकुंभ में नागा साधु प्रमोद गिरी की अद्भुत जल तपस्या, रोज नहाते हैं 82 घड़े पानी से
महाकुंभ में कई नागा साधु अपने अलग-अलग हठ योग के कारण बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं। इन्ही में से एक हैं अटल अखाड़े के नागा साधु प्रमोद गिरि महाराज।
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Sadhvi in Mahakumbh: कैसे बनती हैं साध्वी, कितनी कठिन होती है यह प्रक्रिया ? जानिए विस्तार से
एक साध्वी बनने के लिए, आपको सक्रिय रूप से एक मान्यता प्राप्त आध्यात्मिक वंश से गुरु की तलाश करनी होगी। वैराग्य की तीव्र इच्छा प्रदर्शित करनी होगी, “गुरुसेवा”
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Aghori In Maha Kumbh: कौन होते हैं अघोरी, क्यों रहते हैं ये शमशान में, नागा साधुओं से कैसे हैं ये अलग? जानिए सबकुछ
नागा साधु और अघोरी हिंदू धर्म में तपस्वी हैं लेकिन उनकी मान्यताओं और प्रथाओं में भिन्नता है। नागा साधु मठवासी अखाड़ों से संबद्ध त्यागी हैं
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Mahakumbh Third Amrit Snan: कब होगा महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त
ठंड और घने कोहरे के बावजूद, करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान करने के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पहुंचे।
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Makar Sankrati Puja Vidhi: मकर संक्रांति आज, इस विधि से जरूर करें पूजा, भगवान सूर्यदेव की मिलेगी कृपा
मकर संक्रांति सामुदायिक जुड़ाव का भी समय है। पतंग उड़ाने, भोजन दान करने और मंदिरों में जाने जैसी गतिविधियों में भाग लेने से उत्सव की भावना बढ़ जाती है।
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First Kumbh of Independent India: इस साल लगा था आजाद भारत का पहला कुंभ, जानें क्यों रहा है यह चर्चे में
भारत 1947 में आजाद हुआ था। लेकिन आजाद भारत के पहले कुंभ मेले का आयोजन आजादी के सात वर्षों बाद 1954 में प्रयागराज के संगम तट पर ही हुआ था।
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Kumbh: क्या होता है अर्ध कुंभ, कुंभ और महाकुंभ? जानें क्यों प्रयागराज महाकुंभ का है सबसे ज्यादा महत्व
संस्कृत में कुंभ शब्द का अर्थ है ‘घड़ा’, और कुंभ मेले की कहानी एक प्रसिद्ध मिथक से शुरू होती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों ने अमरता का अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था।
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Makar Sankranti 2025: 14 या 15 जनवरी कब है मकर संक्रान्ति? जानें ज्योतिषाचार्य से
लखनऊ स्थित महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं राकेश पाण्डेय बताते है कि मकर संक्रान्ति पुण्यकाल कल प्रातः 07:58 के बाद प्रारम्भ हो जाएगा।
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Pongal 2025: चार-दिवसीय पोंगल पर्व आज से शुरू, थाई पोंगल माना जाता है मुख्य दिन
तमिलनाडु में यह पर्व चार दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक दिन का अपना अलग रस्म और महत्व होता है। त्योहार की शुरुआत भोगी से होती है।
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Somvati Amavasya 2024: आज है साल की अंतिम सोमवती अमावस्या, जानें क्यों है इसका बहुत महत्व
प्रत्येक वर्ष 12 अमावस्याएं मनाई जाती हैं। अमावस्या जब सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं और अमावस्या जब शनिवार के दिन पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं।