loader

आजादी के बाद से ही हम अपने देश में गांधी और गोडसे की विचारधारा के बीच जंग देखते आ रहे हैं। कला के कई जगह ने भी इस पर टिप्पणी की है। शरद पोंक्षे का नाटक ‘मैं नाथूराम गोडसे’ बोहोल्टोई मंच पर हिट रहा और महात्मा गांधी पर कई फिल्में भी बनीं। अब इन दोनों विचारधाराओं के बीच की जंग एक बार फिर बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी। 80 के दशक में धमाल मचाने वाले निर्देशक अब इस विषय पर एक नई फिल्म लेकर आ रहे à¤