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अंसारी ने स्पष्ट किया कि धार्मिक समारोहों में गांजे का सेवन किया जाता है और इसे भगवान का प्रसाद मानकर पिया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर यह भगवान का प्रसाद है तो इसे अवैध क्यों माना जाता है?”