Tag: Mahakumbh
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Mahakumbh 2025 : हेमा मालिनी ने मौनी अमावस्या पर संगम में लगाई डुबकी, भगदड़ को लेकर जताया दुःख
मशहूर अभिनेत्री और भाजपा नेता हेमा मालिनी ने बुधवार सुबह मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया।
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Mahakumbh 2025: डॉ. कौशलेंद्रजी की हिन्द फर्स्ट से खास बातचीत, जानें सनातन बोर्ड के गठन को लेकर क्या बोले महाराज जी?
सनातन बोर्ड के गठन और महाकुंभ को लेकर डॉ. कौशलेन्द्र महाराज के साथ हिन्द फर्स्ट की खास बातचीत…
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Environment Baba in Mahakumbh: महाकुंभ से एनवायरनमेंट बाबा का संदेश, ‘सांसे हो रही हैं कम, आओ पेड़ लगाएं हम’
एनवायरनमेंट बाबा उर्फ़ गोल्डन बाबा पिछले कई वर्षों से पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत साल 2010 से की।
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Kumbh Mela: प्रयाग, हरिद्वार और नासिक में कुंभ तो उज्जैन में सिंहस्थ क्यों? जानिए इसका ज्योतिषीय कारण
तीर्थयात्री अपने पापों को धोने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं। मेले में साधुओं और अखाड़ों द्वारा आध्यात्मिक प्रवचन, अनुष्ठान और जुलूस शामिल होते हैं।
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Mahakumbh Snan: महाकुंभ में इतनी बार जरूर लगाएं डुबकी, तभी मिलेगा पुण्य
महाकुंभ में स्नान का बहुत महत्व होता है। इसलिए आप भी यदि महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं, खास कर अमृत स्नान के दिनों पर तो कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरुरी होता है।
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महाकुंभ में आए IITian बाबा, कैसे एयरोस्पेस इंजीनियरिंग छोड़ बने संन्यासी? जानें पूरी कहानी
इंजीनियर बाबा का असली नाम अभय सिंह है, और वह हरियाणा से हैं। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर उन्होंने यह जानकारी दी है।
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Mahakumbh Third Amrit Snan: कब होगा महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान? जानें तिथि और शुभ मुहूर्त
ठंड और घने कोहरे के बावजूद, करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान करने के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पहुंचे।
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First Kumbh of Independent India: इस साल लगा था आजाद भारत का पहला कुंभ, जानें क्यों रहा है यह चर्चे में
भारत 1947 में आजाद हुआ था। लेकिन आजाद भारत के पहले कुंभ मेले का आयोजन आजादी के सात वर्षों बाद 1954 में प्रयागराज के संगम तट पर ही हुआ था।
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Mahakumbh 2025: ‘हर हर गंगे’ के नारे के साथ महाकुंभ का शुभारंभ, पौष पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी
आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर पहुंचने लगे थे। पूरा वातावरण “हर हर गंगे” और “जय श्री राम” के नारों से गूंजता रहा।