Pakistan airstrike on Afghanistan: पाकिस्तान ने मंगलवार देर रात अफगानिस्तान पर हमला किया, जिसमें 46 लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद तालिबान ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। खबरें आ रही हैं कि 15 हजार तालिबानी लड़ाके अब पाकिस्तान की सीमा की ओर बढ़ रहे हैं। ये लड़ाके काबुल, कंधार और हेरात से निकलकर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पास मीर अली सीमा की तरफ बढ़ रहे हैं।
आतंकियों के नाम पर महिलाओं और बच्चों पर गिराए बम
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमले किए, जिनका उद्देश्य तालिबान की प्रशिक्षण सुविधाओं को नष्ट करना और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को निशाना बनाना था। इन हमलों में 46 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि इन हमलों में जेट और ड्रोन का इस्तेमाल कर अफगानिस्तान के अंदर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
भारत के खिलाफ तालिबान का करता था इस्तेमाल
पाकिस्तान ने गुरुवार को हमले की पुष्टि की। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार और टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) अलग-अलग संगठन हैं, लेकिन वे एक-दूसरे का सहयोग करते हैं। पाकिस्तान ने लंबे समय तक तालिबान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ एक रणनीतिक हथियार के तौर पर किया है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में प्रशिक्षण लेते रहे हैं। लेकिन अब यही रणनीति पाकिस्तान पर भारी पड़ रही है।
आतंकवादी हमलों में हुई बढ़ोतरी
2021 में जब से अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता में आया है, पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पाकिस्तान लगातार तालिबान से मांग करता रहा है कि वह अपनी जमीन से पाकिस्तान पर हमले करने वाले आतंकियों को रोकने के लिए कदम उठाए। हालांकि, पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा। अब, पाकिस्तान की ओर से की गई एयर स्ट्राइक ने तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने हमलों पर जताया दुःख
अफगान समाचार एजेंसी टोलो न्यूज ने इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि पाकिस्तान की तरफ से हुए हवाई हमले को उन्होंने ‘क्रूर कृत्य’ और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने इसे अफगानिस्तान पर सीधा हमला मानते हुए इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि ऐसी कार्रवाई से कोई समस्या हल नहीं होगी।
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी इन हमलों की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसे अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन और सीधा आक्रमण बताया। करजई ने कहा कि पाकिस्तान की यह रणनीति चरमपंथ को बढ़ावा देने और अफगानिस्तान को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने दोनों देशों को आगाह किया कि अच्छे और सभ्य संबंध दोनों के लिए फायदेमंद होंगे।
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