त्रिपुरा के अगरतला शहर में सोमवार को कई हिंदू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बंगलादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय में जबरन प्रवेश किया और वहां तोड़फोड़ की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बंगलादेश का राष्ट्रीय ध्वज भी उतार दिया। यह घटना बंगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित हमलों के विरोध में की गई। भारत सरकार ने इस घटना पर खेद जताया है और सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
बांग्लादेश उच्चायुक्त में किया प्रदर्शन
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह अगरतला के सर्किट हाउस इलाके में एकत्र होकर प्रदर्शन शुरू किया। उनका आरोप था कि बंगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक हमारे साथ शांतिपूर्वक रह रहे हैं। कोई भी बिना किसी कानूनी औचित्य के उन पर उंगली नहीं उठा सकता, लेकिन बंगलादेश में स्थिति बिल्कुल विपरीत है।”
उच्चायोग में घुसपैठ और तोड़फोड़
प्रदर्शन के दौरान करीब 100 लोगों ने सुरक्षाकर्मियों को पीछे धकेलते हुए बंगलादेश सहायक उच्चायोग कार्यालय के मुख्य परिसर में प्रवेश किया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए बंगलादेश का राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुमनाम रहते हुए बताया, “कार्यालय परिसर के अंदर कोई तोड़फोड़ या हाथापाई नहीं हुई। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और किसी और नुकसान से पहले सभी प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया।”
हालांकि, इस घटना में कार्यालय की संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और न ही बंगलादेश उच्चायोग के किसी अधिकारी को चोट आई।
भारत सरकार ने जताया खेद
इस घटना पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम एक बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा, ‘अगरतला में आज बंगलादेश सहायक उच्चायोग के परिसर में हुई घटना बेहद अफसोसजनक है। किसी भी परिस्थिति में राजनयिक और वाणिज्य दूतावास संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।’
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “सरकार नई दिल्ली में बंगलादेश उच्चायोग और भारत में इसके अन्य वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कार्रवाई कर रही है।”