सीक्रेट ऐप पर आतंकियों की मीटिंग, युवाओं को भड़काने की कोशिश, सुरक्षा एजेंसी अलर्ट
देश की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसी हमेशा सतर्क रहते हैं। इस बीच भारतीय सुरक्षा एजेंसी आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर को लेकर अलर्ट है। खबरों के मुताबिक एनआईए ने पिछले सप्ताह दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में भारत में ‘हिज्ब-उत-तहरीर के विकास’ पर विस्तार से बात की है। इस मीटिंग में तेलंगाना, तमिलनाडु, गुवाहाटी पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और बीएसएफ के आतंकवाद निरोधक एक्सपर्ट भी शामिल थे। जानकारी के मुताबिक देश में आतंकी संगठनों को रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसी सतर्क है।
आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर
बता दें कि लेबनान स्थित कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर ने पश्चिमी देशों में अपनी पकड़ को मजबूत कर रहा है। पिछले साल ब्रिटेन में इस समूह से जुड़े लोगों ने फिलिस्तीन समर्थक सड़क विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद ब्रिटेन ने इस समूह पर प्रतिबंध लगा दिया था। जानकारी के मुताबिक भारत में भी ये समूह तेजी से अपना पैर पसारने की कोशिश कर रहा है। भारत ने हाल ही में इस समूह को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत रखा है। इस समूह के स्लीपर सेल मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मिले हैं।
NIA कर रही है जांच
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन के दौरान पेश की गई रिपोर्ट में इस साल की शुरुआत में पकड़े गए हुत के मॉड्यूल के सदस्यों को लेकर बात की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दिया था। वहीं इस मामले में एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर के 17 सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इतना ही नहीं एनआईए की जांच में ये सामने आया था कि इसके सदस्य देश भर में फैले हुए हैं। जानकारी के मुताबिक ये लोग मध्य प्रदेश में गुप्त रूप से अपने कैडर की भर्ती कर रहे थे और उसे मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए थे।
सीक्रेट ऐप पर आतंकियों की मीटिंग
मीडिया को एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सोशल मीडिया और ऐप का उपयोग करके ये समूह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके अलावा युवाओं को भड़काने के लिए इन्ही ऐप फर मीटिंग की जाती है। ये समूह 1953 में येरुशलम में बना था। इसके फिलिस्तीन में सैकड़ों सदस्य हैं।
आतंकवाद को खत्म करना मकसद
बता दें कि भारत सरकार का उद्देश्य आतंकवाद को खत्म करने का है। यही कारण है कि भारत की सभी सुरक्षा एजेंसी आतंकी संगठनों को लेकर अलर्ट मोड पर रहती हैं। आतंकियों के खिलाफ जांच एजेंसी की कार्रवाई जारी है।