“…इसलिए मैं ‘कांतारा’ जैसी फिल्म कभी नहीं बनाऊंगा”; ‘तुम्बाड’ से तुलना करने के बाद निर्देशक ने कहा

कन्नड़ फिल्म ‘कांतारा’ इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है। ऋषभ शेट्टी की ‘कांतारा’ दुनियाभर में 400 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर फिल्म दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रही। उसके बाद नेटिजेंस ने इस फिल्म की तुलना आनंद गांधी की ‘तुम्बाड’ से की। इस तुलना के बाद वह ‘तुम्बाड’ के डायरेक्टर आनंद गांधी द्वारा दिए गए रिएक्शन से चर्चा में हैं। 
‘कांतारा’ की तुलना ‘तुम्बाड’ से करने के बाद आनंद गांधी ने ट्वीट किया। कहा गया कि फिल्म ‘तुम्बाड’ कांतरा की तरह विचारों में भरे हुए मर्दानगी को उजागर नहीं करती है। उन्होंने कहा, “‘कांतारा’ में ‘तुंबड’ जैसा कुछ नहीं है। मेरा विचार हॉरर फिल्म ‘तुम्बाड’ में मर्दानगी और संकीर्णता का रूपक प्रस्तुत करना था। लेकिन ‘कांतारा’ में यह नहीं है, “गांधी ने एक ट्वीट में कहा।
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हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान आनंद गांधी ने कई विषयों पर टिप्पणी की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘तुम्बाड’ का दूसरा भाग बनाने का उनका कोई विचार नहीं है। उनसे सवाल पूछा गया, ‘अगर आप कांटारा के एक्टर-डायरेक्टर ऋषभ शेट्टी से मिलें तो आप उन्हें क्या कहेंगे?’ जिस पर गांधी ने कहा, “मैं उन्हें कन्नड़ सिनेमा को वैश्विक मंच पर लाने के उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई देना चाहता हूं। इसके अतिरिक्त, मुझे फिल्म के पात्रों को लिखने की प्रक्रिया और उन पात्रों के लिए एक विश्वदृष्टि बनाने के बारे में सुनना अच्छा लगेगा।
यह पूछे जाने पर, ‘यदि आपने कांटारा का निर्देशन किया होता, तो इसके बारे में क्या अलग होता?’, गांधी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैं ‘कांतारा’ जैसी फिल्म बना सकता था।” क्योंकि वह फिल्म अतीत का प्रतिबिंब है, वर्तमान का आईना है और भविष्य की दृष्टि है। उसी के अनुसार व्यवस्था की गई है। वास्तव में मैं ऐसी और फिल्में देखना पसंद करूंगा जो भारत की गहराई को महिमामंडित करें।”