बिहार में एक अनोखी ठगी का मामला सामने आया है, जहां ठग युवकों को IPS अफसर बनाने का लालच देकर लाखों रुपये ऐंठ रहे हैं। इन ठगों का दावा है कि वे पैसे के बदले नकली वर्दी, फेंसी ड्रेस और पिस्टल देकर युवकों को IPS बना देंगे। एक युवक, मिथिलेश कुमार, जो केवल 18 साल का है, इस फर्जीवाड़े का शिकार हुआ और पुलिस ने उसे IPS की नकली वर्दी में पकड़ लिया।
मिथिलेश की कहानी
मिथिलेश लखीसराय जिले के हलसी थाना क्षेत्र के गोवर्धन बीघा का निवासी है। आजतक के पत्रकार राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट के अनुसार, जमुई में सिकंदरा थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक युवक IPS की फर्जी वर्दी पहनकर घूम रहा है। पुलिस ने सिकंदरा चौक पर पहुंचकर मिथिलेश को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक पल्सर RS 200 बाइक भी बरामद की गई।
जब पुलिस ने मिथिलेश से पूछताछ की, तो उसकी कहानी सुनकर सभी दंग रह गए। मिथिलेश ने बताया कि एक महीने पहले उसकी मुलाकात खैरा के रहने वाले मनोज सिंह से हुई थी। मनोज ने उसे पैसे के बदले नौकरी देने का आश्वासन दिया। मिथिलेश ने अपने मामा से दो लाख रुपये उधार लेकर मनोज को दे दिए, ताकि उसकी पुलिस में नौकरी लग जाए।
रोजगार की चाह में ठगी का शिकार
19 साल की उम्र में मिथिलेश की शादी हो गई थी और उसे दहेज में एक बाइक भी मिली थी। जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे मिथिलेश नौकरी की तलाश में था।
मिथिलेश ने बताया कि, “मैं पढ़ाई करता था, एक दिन मैं अपने दोस्त के साथ पार्क में गया। वहां एक आदमी ने मुझेनौकरी दिलाने का लालच दिया और कहा कि इसके लिए उसे दो लाख रुपये देने होंगे। मैने उसकी बात मान ली और अगले दिन अपने मामा से 2 लाख रुपये उधार लेकर मनोज के पास गया। मनोज ने मुझे वर्दी, बैच और एक पिस्टल दी और बताया कि उसकी तैनाती हलसी थाने में की गई है।”
मिथिलेश ने मनोज की बातों पर विश्वास कर खुशी-खुशी वर्दी पहनकर अपने गांव लौट गया। अगले दिन मनोज ने उसे वर्दी में अपने दफ्तर बुलाया, ताकि वह बाकी 30 हजार रुपये ले सके। लेकिन वर्दी पहनकर जाते ही मिथिलेश को असली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बिहार के जमुई में बिना UPSC पास किए 18 साल का लड़का बन गया आईपीएस। पुलिस ने पूछा तो बोला- ‘मैं तो IPS हूं’ फिर जो हुआ, देखिए वीडियो। #FakeIPS pic.twitter.com/PFoQbzVo6G
— NCIB Headquarters (@NCIBHQ) September 20, 2024
सच जान फूट-फूट कर रोने लगी मां
मिथिलेश लखीसराय जिले के हलसी के गोवर्धन बीघा गांव का रहने वाला है। मनोज ने उसे उसी थाने में आईपीएस के तौर पर काम करने का कहा था। जब मिथिलेश की मां को पता चला कि उसका बेटा फर्जी आईपीएस है, तो वो फूट-फूट कर रोने लगी। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत खुशी हुई थी जब मैंने अपने बेटे को वर्दी में देखा,” लेकिन अगले दिन वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
मिथिलेश को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे बॉंड भरवाकर छोड़ दिया है, जबकि मनोज की तलाश जारी है। अब मिथिलेश की फर्जी आईपीएस की वर्दी पुलिस के पास जब्त कर ली गई है।