गणतंत्र दिवस परेड: इतिहास से लेकर 2025 तक की पूरी कहानी, कैसे बनी ये देश की शान

26 जनवरी को भारत अपना गणतंत्र दिवस मनाता है और इस दिन की सबसे बड़ी बात होती है दिल्ली में होने वाली भव्य परेड। यह परेड न केवल भारतीय सेना की ताकत का प्रदर्शन होती है, बल्कि देश की सांस्कृतिक विविधता और तकनीकी विकास को भी दिखाती है। हर साल लाखों लोग इस परेड का हिस्सा बनते हैं, और यह दिन भारत के आत्मनिर्भर और मजबूत होने का एहसास कराता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये परेड कैसे शुरू हुई और आज यह इतनी खास कैसे बन गई? जानिए इसका इतिहास।

पहली बार कितने जवानों ने किया था मार्च?

गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत 1950 में हुई थी। जब पहली बार भारत ने अपना संविधान लागू किया था, तो उस दिन दिल्ली में एक ऐतिहासिक परेड आयोजित की गई। सबसे खास बात यह थी कि पहले गणतंत्र दिवस पर 3,000 जवानों ने मार्च किया था और राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सामने ये सेना के जवान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे थे। इसके साथ ही वायुसेना के विमानों ने भी करतब दिखाए थे और तोपों की सलामी भी दी गई थी। यह परेड दिल्ली के एक स्टेडियम में आयोजित की गई थी, लेकिन अगले साल इसे राजपथ पर आयोजित किया गया, जहां आज भी यह परेड होती है।

परेड के साथ बढ़ती गई विविधता

गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत भारतीय सेना के ताकतवर प्रदर्शन से हुई थी, लेकिन जल्द ही यह सिर्फ सेना का ही नहीं, बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता का प्रतीक बन गई। राज्यों ने अपनी झांकियां भेजनी शुरू की, जो भारतीय विविधता को दर्शाती थीं। धीरे-धीरे परेड में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल होने लगे, और यह परेड एकता और विविधता का बेहतरीन उदाहरण बन गई।

तीनों सेनाओं और अर्धसैनिक बलों का प्रदर्शन

समय के साथ परेड में और भी बदलाव आए। अब सिर्फ सेना के टुकड़ियां ही नहीं, बल्कि अर्धसैनिक बलों, एनसीसी कैडेट्स और अन्य विभाग भी इसमें हिस्सा लेते हैं। परेड में दिखाए जाते हैं सेना के आधुनिक हथियार, जैसे टैंक, मिसाइल, और विमान, जो देश की शक्ति का अहसास कराते हैं। साथ ही, वायुसेना अपने करतबों से लोगों को रोमांचित करती है।

2025 में क्या होगा नया ?

इस साल यानी 2025 में गणतंत्र दिवस परेड में और भी खास चीजें देखने को मिलेंगी। इस बार परेड में भारतीय सेना आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाएगी। इस बार कई आधुनिक हथियार जैसे टी-90 भीष्म टैंक, नाग मिसाइल सिस्टम, और ब्रह्मोस मोबाइल लॉन्चर का प्रदर्शन होगा। साथ ही, करीब 77,000 लोग इस परेड का हिस्सा बनेंगे, और कुल 5,000 कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि

गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। यह परंपरा 1950 से शुरू हुई थी और अब तक कई देशों के प्रमुख गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बने हैं। इस साल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो मुख्य अतिथि होंगे।

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