Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बुधवार को एसबीआई से डाटा मिलने के बाद चुनाव आयोग ने गुरूवार को वेबसाइट पर जारी कर दिया है। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च की समय सीमा निर्धारित की थी। इसमें पूरी जानकारी दो भाग में है। इसके पहले भाग में तारीख के हिसाब से बॉन्ड खरीदने वालों के नाम और बॉन्ड की राशि है। जबकि दूसरे भाग में तारीख के हिसाब से बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों के नाम हैं।
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सबसे बड़े तीन दानकर्ता
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली तीन में दो कंपनियां का नाम लोगों ने कम सुना है। एक लुधियाना की फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस ने सबसे अधिक 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं। यह कंपनी 2022 में चर्चा में आई थी। इसकी प्रवर्तन निदेशालय ने विभिन्न इकाइयों के 409 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली थी। हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 966 करोड़ का चंदा दिया है। वहीं तीसरे नंबर पर मुंबई की कंपनी क्विक सप्लाई चेन है। जिसने 410 करोड़ के बॉन्ड खरीदे है।
इन कंपनी ने भी खरीदे बॉन्ड
इलेक्टोरल बॉन्ड के खरीददारों में मेघा इंजीनियरिंग, भारती एयरटेल, वेदांता लिमिटेड, फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस, स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर आदि शामिल हैं। इनके अलावा केवेंटर, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, सीएट टायर्स, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी आदि ने बड़ी मात्रा में बॉन्ड खरीदे है।
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देश के 10 चुनावी दानदाता
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विस- 1,368 करोड़।
मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर- 966 करोड़।
क्विक सप्लाई चेन- 410 करोड़।
वेदांता लिमिटेड – 398 करोड़।
हल्दिया एनर्जी लिमिटेड- 377 करोड़।
भारती ग्रुप- 247 करोड़।
एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज- 224 करोड़।
वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन- 220 करोड़।
केवेंटर फुडपार्क इंफ्रा लिमिटेड-195 करोड़।
मदनलाल लिमिटेड- 185 करोड़।