साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग के लिए कुल रु 2193 करोड़ का प्रावधान

वर्ष 2023-24 के लिए गुजरात का बजट वित्त मंत्री कानू देसाई ने पेश किया। वित्त मंत्री कानू देसाई ने 3 लाख 1 हजार 22 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। बजट में किसी नए टैक्स की घोषणा नहीं की गई है। आज पेश बजट में शिक्षा विभाग के लिए सबसे अधिक बजट आवंटित किया गया है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के लिए कुल 2193 रुपये आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री कानू देसाई ने विभाग के बजट की तुलना में 227 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव दिया है। पिछले साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए।
सरकार आईटी, इलेक्ट्रॉनिक, सेमी-कॉन जैसी नीतियों को लागू कर आधुनिक तकनीक आधारित उद्योगों और सेवा क्षेत्रों के माध्यम से आर्थिक विकास के लिए राज्य में अनुकूल वातावरण बनाने का काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य विश्व स्तरीय डिजिटल सेवाएं प्रदान करना और ग्रामीण स्तर पर मांग-संचालित डिजिटल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराकर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है।
विज्ञान केन्द्रों का दायरा बढ़ाने तथा ऐसे केन्द्रों की स्थापना जिला स्तर पर करने का निर्णय लिया गया है ताकि विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति अभिरूचि विकसित हो सके। राज्य स्तर के विज्ञान शहरों से लेकर क्षेत्रीय और जिला स्तर तक के केंद्रों का यह नेटवर्क ज्ञान आधारित समाज की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए विभाग के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 227 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव दिया गया है।
  • सेमी कंडक्टर पॉलिसी के तहत सेमी कंडक्टर और डिस्प्ले फैब के साथ-साथ औसेट सुविधा के लिए 524 करोड़ का प्रावधान।
  • इलेक्ट्रॉनिक नीति के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के उद्योगों के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान। 
  • यह नीति के तहत निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए 70 करोड़ का प्रावधान।
  • भारत सरकार की संस्था इनस्पेस के सहयोग से साइंस सिटी में स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित करने के लिए 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था। 
  • आईटी एवं स्टार्टअप कल्चर के समग्र विकास के उद्देश्य से साइंस सिटी में आईटी एवं साइंस पार्क के विकास हेतु 10 करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • साइंस सिटी के विकास के लिए मास्टर प्लान के तहत नए सेक्टर्स डिफेंस एंड एविएशन गैलरी स्थापित करने के लिए 250 करोड़ रुपये की योजना है। जिसके लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
  • शेष सभी जिलों में राज्य एवं जिला विज्ञान केन्द्रों में 8 स्थानों पर क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन हेतु 233 करोड़ रुपये की व्यवस्था। 
  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए डिजिटल विलेज स्कीम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में FTTH (फाइबर टू द होम) कनेक्शन देने की योजना के लिए 120 करोड़ रुपये का प्रावधान है। 
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