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SEBI: माधवी बुच पर नया खुलासा, सेबी के कर्मचारी भी करने लगे चेयरपर्सन के इस्तीफे की मांग

Trouble mounts for Madhabi Buch as Sebi officials flag ‘toxic’ work culture

SEBI: मुंबई में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के कर्मचारियों ने चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया है।

कर्मचारियों का कहना है कि हाल ही में SEBI के शीर्ष प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनके मुताबिक, SEBI के 500 कर्मियों ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजकर शिकायत की है कि कार्यालय में टॉक्सिक माहौल और बदतमीजी का सामना करना पड़ रहा है।

कर्मचारियों ने बुच पर लगाए गंभीर आरोप

धरना प्रदर्शन की वजह SEBI की ओर से भेजे गए एक मेल को बताया गया है। कर्मचारियों का आरोप है कि इस मेल में कहा गया है कि प्रबंधन ने उनके साथ बातचीत कर मामले को सुलझा लिया है, जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

कर्मचारियों का कहना है कि इस मेल में गलत जानकारी दी गई है और उनके मुद्दों को नजरअंदाज किया गया है। इसी कारण वे सड़कों पर उतर आए हैं और अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।

 SEBI के ऑफिस में दहशत भरा माहौल

कर्मचारियों के अनुसार, वे लंबे समय से SEBI के ऑफिस में एक दहशत भरे माहौल का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है कि मीटिंग्स के दौरान माधवी पुरी बुच की चीख-चिल्लाहट और उनकी डांट-फटकार से वे परेशान हैं।

उन्होंने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि पिछले कुछ सालों में SEBI के ऑफिस में कर्मचारियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और उनके हर कदम पर नजर डाली जा रही है। इस पत्र में 500 कर्मचारियों के हस्ताक्षर भी शामिल हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि वे इस माहौल से तंग आ चुके हैं और अब बदलाव की मांग कर रहे हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मांग की है कि SEBI की ओर से भेजा गया मेल वापस लिया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।

इन आरोपों पर क्या है सेबी का पक्ष?

वहीं  SEBI ने अपने दफ्तरों में ‘टॉक्सिक’ और ‘अप्रोफेशनल’ कामकाजी माहौल के दावों को खारिज कर दिया है। सेबी ने बुधवार शाम को जारी बयान में कहा कि किसी ‘बाहरी तत्वों’ द्वारा ये सब कराया जा रहा है।

वो कर्मचारियों को मीडिया, वित्त मंत्रालय और बोर्ड के पास ले जाकर उनका खुद का कोई उद्देश्य पूरा करना चाहते हैं। बयान में कहा गया, “जूनियर अधिकारियों को बाहरी तत्वों से संदेश मिल रहे हैं, जो उन्हें मीडिया और अन्य स्थानों पर जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।”

सेबी ने कहा कि 6 अगस्त को भेजा गया पत्र कर्मचारी संघों द्वारा नहीं, बल्कि एक गुमनाम ईमेल के रूप में भेजा गया था। पत्र में उठाए गए मुद्दों को कर्मचारी संघों ने भी खारिज किया है। इसके अलावा, सेबी ने इस बात को नकारा किया कि उनके नेतृत्व में कामकाजी माहौल खराब है और यह आरोप बाहरी तत्वों द्वारा फैलाए गए हैं।

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