ट्रम्प-पुतिन फोन वार्ता: क्या सच में डोनाल्ड ट्रंप ने की पुतिन से बात? रूस ने खोला राज!
Trump called Russian President Putin: हाल ही में एक खबर ने दुनिया भर में हलचल मचा दी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई है। इस खबर ने कई लोगों का ध्यान खींचा, क्योंकि दोनों नेताओं के बीच संबंध हमेशा से चर्चा का विषय रहे हैं। लेकिन क्या यह सच है?
रूस का जवाब
वाशिंगटन पोस्ट ने रविवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप और पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई है। इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे लोगों का हवाला दिया गया था, जो इस मामले से परिचित थे। लेकिन जैसे ही यह खबर सामने आई, रूस ने इसे झूठा बताते हुए खारिज कर दिया।
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ट्रंप ने पुतिन को यूक्रेन में युद्ध न बढ़ाने की सलाह दी थी। साथ ही, उन्होंने पुतिन को यूरोप में अमेरिका की मजबूत सैन्य उपस्थिति की याद भी दिलाई थी। लेकिन रूस ने इन सभी दावों को निराधार बताया और कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।
ट्रंप का यूक्रेन युद्ध पर रुख
यह ध्यान देने योग्य है कि चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कई बार यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया था। उन्होंने दावा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति बनते हैं, तो “एक दिन के भीतर” इस युद्ध को समाप्त कर देंगे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वे ऐसा कैसे करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी बात की थी। यह बातचीत कथित तौर पर बुधवार को हुई थी। इसके बाद शुक्रवार को क्रेमलिन ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि पुतिन यूक्रेन मुद्दे पर ट्रंप से बात करने के लिए तैयार हैं। लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपनी मांगों में कोई बदलाव करने को तैयार हैं।
यूक्रेन युद्ध: रूस की शर्तें और यूक्रेन का जवाब
14 जून को पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन को नाटो में शामिल होने की अपनी महत्वाकांक्षा छोड़नी होगी। साथ ही, रूस द्वारा दावा किए गए चार क्षेत्रों से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाना होगा।
लेकिन यूक्रेन ने इन शर्तों को मानने से साफ इनकार कर दिया। यूक्रेन का कहना था कि ये शर्तें मानने का मतलब आत्मसमर्पण करना होगा। इसके बजाय, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक “विजय योजना” पेश की है। इस योजना में पश्चिमी देशों से अधिक सैन्य मदद मांगी गई है।
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि यूक्रेन युद्ध अभी भी एक जटिल मुद्दा बना हुआ है। ट्रंप और पुतिन की कथित बातचीत की खबर, चाहे वह सच हो या न हो, इस बात का संकेत देती है कि दुनिया की नजर अभी भी इस युद्ध पर टिकी हुई है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नए अमेरिकी प्रशासन के तहत इस युद्ध को लेकर कोई नया मोड़ आता है या नहीं।
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