Trump Houthi attack

हूती विद्रोहियों पर अचानक क्यों भड़क उठे ट्रंप? अटैक को खुद कर रहे थे मॉनिटर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों से बेहद नाराज हैं। उनकी नाराजगी इस हद तक बढ़ गई है कि उन्होंने सेना को बड़े हमले करने का आदेश दे दिया है। इन हमलों में अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है।

ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर हूती विद्रोही (Houthi rebels) अपनी हरकतों से बाज नहीं आए, तो उनका जीवन नरक से भी बदतर बना दिया जाएगा। इसके साथ ही, ट्रंप ने ईरान को भी साफ शब्दों में कहा है कि वह तुरंत हूती विद्रोहियों का समर्थन बंद करे।

व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि लाल सागर (Red Sea) में अमेरिकी जहाजों पर हुए हूती विद्रोहियों के हमलों के जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप कड़ा एक्शन ले रहे हैं। अमेरिका लंबे समय से अपने आर्थिक और राष्ट्रीय हितों पर मंडरा रहे इस खतरे को झेल रहा था, लेकिन ट्रंप के कार्यकाल में अब ऐसा नहीं होगा।

हूती आतंकियों पर अमेरिका की सैन्य कार्रवाई को दी मंजूरी  

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने यमन में हूती आतंकियों के खिलाफ अमेरिका की सैन्य कार्रवाई को मंजूरी दे दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में आतंक फैला रखा है और अमेरिकी जहाजों व विमानों पर लगातार हमले कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का रवैया इस मामले में कमजोर रहा, जिससे हूतियों के हौसले और बढ़ गए।

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि पिछले एक साल से कोई भी अमेरिकी व्यापारिक जहाज सुरक्षित तरीके से लाल सागर की सुएज नहर से नहीं गुजरा है। चार महीने पहले आखिरी अमेरिकी युद्धपोत इस रास्ते से निकला था, जिस पर हूती विद्रोहियों ने 12 से ज्यादा हमले किए थे। उन्होंने कहा कि ईरान समर्थित हूती आतंकियों के मिसाइल हमलों की वजह से अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है, साथ ही कई निर्दोष लोगों की जान को खतरा भी पैदा हुआ है।

“हूती हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा”: ट्रंप 

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि अमेरिकी जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमले अब और बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक अमेरिका अपने उद्देश्य में सफल नहीं होता, तब तक सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।

ट्रंप ने हूती विद्रोहियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, “तुम्हारा समय खत्म हो चुका है। अब तुम्हें अपने हमले रोकने होंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो तुम्हें गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे।”

गौरतलब है कि जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद यह मिडिल ईस्ट में अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य हमला है। ये हमले ऐसे समय में किए जा रहे हैं जब अमेरिका ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ा रहा है और उसे अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रहा है।

लाल सागर में इतने आक्रामक क्यों हैं हूती विद्रोही?

यमन के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल के व्यावसायिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। पिछले साल के आखिर के महीनों में ही उन्होंने इस क्षेत्र में 70 से ज्यादा जहाजों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया था।

हूती विद्रोही सिर्फ हमले ही नहीं कर रहे, बल्कि कई बार जहाजों को हाइजैक भी कर चुके हैं। नवंबर 2023 में उन्होंने एक कार्गो शिप पर कब्जा कर लिया था, यह कहकर कि वह इजरायल से जुड़ा हुआ है।

हूती विद्रोही यमन के तट से ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल करके व्यापारिक जहाजों पर हमला कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल से जुड़े जहाजों को इसलिए निशाना बना रहे हैं ताकि गाजा पट्टी में इजरायल-हमास युद्ध को खत्म करने का दबाव बनाया जा सके।

दूसरी ओर, अमेरिका का कहना है कि हूती विद्रोही न केवल व्यापारिक जहाजों बल्कि उनके युद्धपोतों पर भी हमले कर रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है।

 

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