डोनाल्ड ट्रंप को वोट देना पड़ा भारी, हनीमून से लौटा शख्स, पत्नी को एयरपोर्ट से उठा ले गई पुलिस!

अमेरिका में इमिग्रेशन कानूनों की सख्ती अब आम लोगों के निजी जीवन पर असर डालने लगी है। विस्कॉन्सिन के रहने वाले ब्रैडली बार्टेल को इसका अहसास तब हुआ जब उनकी पत्नी कैमिला मुन्योज को इमिग्रेशन अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया।

हनीमून से लौटते ही ग़ायब हो गई पत्नी

ब्रैडली बार्टेल और उनकी पत्नी कैमिला मुन्योज अपनी शादी के बाद हनीमून पर गए थे। वापस लौटते समय सैन जुआन, प्यूर्टो रिको के एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने कैमिला से उनकी नागरिकता के बारे में पूछा। जैसे ही उन्होंने बताया कि वह अमेरिकी नागरिक नहीं हैं, उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया।

ट्रंप की नीतियों ने खुद के लिए ही खड़ी कर दी मुश्किलें

2016 में बार्टेल ने डोनाल्ड ट्रंप को वोट दिया था। ट्रंप ने अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई का वादा किया था, लेकिन बार्टेल ने कभी नहीं सोचा था कि उनकी अपनी पत्नी ही इसकी चपेट में आ जाएगी। कैमिला पेरू से आई थीं और अमेरिका में कानूनी तौर पर नागरिकता प्रक्रिया से गुजर रही थीं, लेकिन ट्रंप प्रशासन की नई नीतियों की वजह से उन्हें भी डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया।

नागरिकता की राह में बड़ी अड़चन

अमेरिका टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कैमिला जैसी कई महिलाएं जो अमेरिकी नागरिकों से शादी कर चुकी थीं, उन्हें भी ट्रंप प्रशासन ने अवैध प्रवासियों की तरह डिटेंशन सेंटर में डाल दिया। ये महिलाएं पहले से ही नागरिकता की प्रक्रिया में थीं, लेकिन उनके आवेदन लंबित थे, जिस कारण उन्हें भी गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा।

एयरपोर्ट से सीधे डिटेंशन सेंटर

कैमिला को एयरपोर्ट से सीधे हिरासत में लेकर लुइसियाना के एक डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया। ब्रैडली को हफ्तों तक यह भी पता नहीं था कि उनकी पत्नी कहां हैं। उन्हें आखिरकार इमिग्रेशन डेटाबेस में जानकारी मिली कि कैमिला अब सरकारी हिरासत में हैं।

परिवार के सारे सपने बिखर गए

कैमिला और ब्रैडली अपने भविष्य के लिए पैसे बचा रहे थे, लेकिन अब वह धनराशि वकीलों की फीस और जमानत के लिए खर्च हो रही है। दोनों के बीच फोन पर ही बातचीत हो पाती है, लेकिन इसके लिए भी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। एक कॉल का खर्च 20 सेंट प्रति मिनट आता है।

ट्रंप समर्थकों के लिए सबक

ब्रैडली बार्टेल अब मानते हैं कि ट्रंप प्रशासन को उन लोगों को टारगेट नहीं करना चाहिए था जो पहले से कानूनी प्रक्रिया में थे। उन्होंने कहा, “सरकार को ऐसे लोगों को जेल में नहीं डालना चाहिए जिनकी पहले से जांच हो चुकी है। यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।”

क्या अब इमिग्रेशन नीतियों में बदलाव होगा?

यह मामला अमेरिका में इमिग्रेशन नीतियों को लेकर एक नई बहस छेड़ सकता है। ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों ने न केवल अवैध प्रवासियों को बल्कि उन लोगों को भी मुश्किल में डाल दिया है जो कानूनी रूप से नागरिकता पाने की प्रक्रिया में थे।

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