औरंग के बाद अब तुगलक पर घमासान…नेमप्लेट मुद्दे पर योगी के डिप्टी CM बोले – ‘मुहम्मद बिन तुग़लक़ से कम नहीं अखिलेश’

Delhi Road Name change Controversy: उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने अपने दिल्ली स्थित सरकारी आवास की नेमप्लेट पर बदलाव कर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। अब उनके आवास के बाहर ‘तुगलक लेन’ की जगह ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा गया है। इस बदलाव को लेकर भाजपा नेताओं के एक एक कर बयान सामने आ रहे हैं। मामले पर ताज़ा बयान यूपी के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक का आया है जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव को तुग़लक़ करार देकर सियासी हलचल मचा दी है। वहीं जबकि विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।

दिनेश शर्मा ने नेमप्लेट बदलने को लेकर दिया यह तर्क

इस मुद्दे (Delhi Road Name change Controversy) पर सफाई देते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि आक्रांताओं के नाम पर कई सड़कों के नाम रखे गए हैं, जिन्हें बदलने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया, “तुगलक लेन नेमप्लेट से हटाया नहीं गया है, बल्कि उस पर स्वामी विवेकानंद मार्ग लिखा गया है। सड़कों के नाम बदलने का अधिकार सरकार और नगर निकाय के पास है। गूगल सर्च में भी तुगलक लेन नहीं आता।”

केशव प्रसाद मौर्य क्या बोले?

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का यह सही समय है। उन्होंने कहा, “डबल इंजन सरकार तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करती। चाहे मार्गों का नामकरण हो या शहरों का, जो नाम गुलामी की पीड़ा को याद दिलाते हैं, उन्हें बदलना चाहिए।”

“अखिलेश यादव तुग़लक़ से कम नहीं”: ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मोहम्मद बिन तुगलक को एक सनकी राजा माना जाता है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी तुगलक जैसी तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं।” पाठक के इस बयान से विपक्ष और भाजपा के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है।

भाजपा और विपक्ष आमने-सामने

इस विवाद (Delhi Road Name change Controversy) को लेकर राजनीतिक गलियारों में गर्मागर्मी तेज हो गई है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्वों के नाम पर सड़कों का नाम होना चाहिए, जिससे युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सके। वहीं, विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह महज एक राजनीतिक स्टंट है और इससे आम जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला।

मामले पर सियासी घमासान जारी

दिनेश शर्मा के इस कदम के बाद भाजपा और विपक्ष के बीच तकरार बढ़ गई है। भाजपा इसे भारतीय संस्कृति और आत्मसम्मान से जोड़कर देख रही है, जबकि विपक्ष इसे चुनावी रणनीति का हिस्सा बता रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है, क्योंकि नामकरण से जुड़े विषय हमेशा राजनीतिक विवाद का केंद्र रहे हैं।

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