Shramjeevi Bomb Blast: श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट 2005 को जौनपुर में हुआ था। इस ब्लास्ट में 14 लोग मारे गए थे। जबकि 62 लोग घायल हो गए थे। इसे अंजाम देने के मामले में जौनपुर की एक सेशन कोर्ट ने दो को मौत की सजा सुनाई है। इन दोनों दोषियों में एक व्यक्ति बांग्लादेश का भी शामिल है। इससे पहले 23 दिसंबर को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।
कोर्ट ने सुनाई दो को फांसी की सजा
श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट (Shramjeevi Bomb Blast) 2005 मामले में दोनों आरोपियों को सजा सुनाएं जाने के बाद सरकारी वकील ने कहा कि अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश राजेश कुमार राय की अदालत ने दोषी हिलाल हिलालुद्दीन और नफीकुल विश्वास को मौत की सजा सुनाई है। हिलाल हिलालुद्दीन बांग्लादेश का मूल निवासी है। वहीं नफीकुल विश्वास पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। इन दोषियों को सजा के ऐलान के बाद पुलिस वाहन में जेल से लेकर जाया गया। इन दोनों आरोपियों पर कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट 2005
उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्टेशन के पास 28 जुलाई 2005 को शाम करीब 5 बजे विस्फोट से पटना-नई दिल्ली ट्रेन (Shramjeevi Bomb Blast) का एक डिब्बा उड़ गया था। जिसकी जांच हुई तो पता चला कि कोच के शौचालय में आरडीएक्स रखा हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि जौनपुर में दो युवक सफेद सूटकेस के साथ ट्रेन में चढ़े थे। कुछ ही देर बाद दोनों बिना सूटकेस के चलती ट्रेन से बाहर कूद गए और कुछ मिनट बाद विस्फोट हो गया था। जिस बड़े ब्लास्ट में 14 लोग मारे गए थे। जबकि 62 लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद दोनों दोषियों की लंबी तलाश के बाद गिरफ्तारी हुई थी।
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